
पंजाब के खन्ना में स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में धान की लिफ्टिंग न होने के कारण किसान गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। मंडी में धान की बोरियों के अंबार लगे हुए हैं और किसानों की ट्रैक्टर-ट्रालियाँ फसल उतारने के लिए अपनी बारी का इंतज़ार कर रही हैं। हालात इतने खराब हैं कि मंडी के चारों ओर धान के ढेर लगे हुए हैं, जिससे फसल रखने की जगह भी नहीं बची है। किसान अब इस स्थिति के चलते अपनी फसल कटाई को भी रोकने पर मजबूर हैं।
मुख्यमंत्री से आश्वासन के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं
किसानों के जत्थेबंदियों ने हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक बैठक की थी, जिसमें उन्हें आश्वासन मिला था कि पूरे प्रदेश में धान की लिफ्टिंग प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि मंडी से हर एक दाना उठाया जाएगा।
किसानों का फसल कटाई से मना
मंडी में मौजूद किसान सुरेंद्र सिंह, दलबीर सिंह, जसविंदर सिंह, और हरकिरत सिंह ने बताया कि उनकी कई ट्रालियाँ धान से भरी हुई हैं, लेकिन उन्हें उतारने के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने फैसला लिया है कि जब तक मंडी से फसल की लिफ्टिंग शुरू नहीं होती, वे खेत से फसल की कटाई नहीं करेंगे। उनका कहना है कि “अगर एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में लिफ्टिंग का यह हाल है, तो पंजाब की अन्य मंडियों का क्या हाल होगा?”
मौसम की अनिश्चितता और किसानों की चिंता
किसानों की चिंताओं का एक अन्य पहलू मौसम भी है। यदि बारिश हुई, तो उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। ऐसे में वे फसल की कटाई करने में असमर्थ होंगे और इसके परिणामस्वरूप उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह स्थिति किसानों के लिए बेहद चिंताजनक है, और वे सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
अधिकारी क्या कहते हैं?
इस स्थिति पर एफसीआई के इंस्पेक्टर हरभजन सिंह का कहना है कि ऑनलाइन चेक कर सकते हैं कि एफसीआई की तरफ से 60 प्रतिशत और पैनग्रन की तरफ से 90 प्रतिशत के करीब धान की फसल लिफ्ट हो चुकी है। हालांकि, किसानों की वास्तविकता इससे काफी अलग है।
उधर, मार्केट कमेटी के सचिव मनजिंदर सिंह मान ने भी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव के कारण मंडी में फसल कम आ रही थी। चुनाव समाप्त होने के बाद अचानक से फसल की सप्लाई बढ़ गई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एक-दो दिन में मंडी से सारी फसल लिफ्ट हो जाएगी।