
New Delhi, Apr 29 (ANI): Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting with Defence Minister Rajnath Singh (unseen), National Security Advisor Ajit Doval (unseen), Chief of Defence Staff General Anil Chauhan (unseen) and chiefs of all the Armed Forces, in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुए हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश से उत्पन्न बाढ़ और भूस्खलन की आपदाओं पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इन प्राकृतिक आपदाओं को देश के लिए एक परीक्षा करार दिया और कहा कि इस कठिन समय में देशवासियों को एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, “प्राकृतिक आपदाएं हमारे धैर्य और एकता की परीक्षा ले रही हैं। कई राज्यों में हुई भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भूस्खलन और बाढ़ से जान-माल की भारी हानि हुई है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं और देशवासियों से अपील करता हूं कि वे इस मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे की मदद करें।”
‘वोकल फॉर लोकल’ की फिर से दी प्रेरणा
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ (शुल्क) का नाम लिए बिना इशारों में इसकी ओर संकेत करते हुए देशवासियों से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में और अधिक तेजी से बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ के अपने पुराने संदेश को फिर से दोहराते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता ही भारत का भविष्य है।
“जब हमारे सामने वैश्विक चुनौतियाँ आती हैं, जब दूसरे देश हमारे निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हैं या टैरिफ बढ़ाते हैं, तब हमें और अधिक आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता होती है। ये समय है जब हम कहें — गर्व से कहो, ये स्वदेशी है!” उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि भारत का हर नागरिक यह सुनिश्चित करे कि वह जो कुछ भी खरीदे, उपयोग करे या उपहार में दे — वह भारत में ही बना हो।
त्योहारों में स्वदेशी अपनाने की अपील
आगामी त्योहारों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे अपने हर त्योहार को ‘स्वदेशी भावना’ के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव की धूम देशभर में दिखाई दे रही है और आने वाले समय में दशहरा, दीपावली और अन्य कई त्योहार देश में खुशियों की बहार लेकर आएंगे।
“इन त्योहारों में उपहार वही दें जो भारत में बना हो, पहनावा वही हो जो भारत में बुना गया हो, सजावट के लिए वही सामान उपयोग करें जो भारत में बना हो, और रोशनी भी उसी झालर से करें जो भारत की है। जीवन की हर जरूरत में हमें स्वदेशी विकल्प अपनाना चाहिए। यही आत्मनिर्भर भारत की ओर एक मजबूत कदम होगा।” प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह नारा तीन बार दोहराया — “गर्व से कहो ‘ये स्वदेशी है’, गर्व से कहो ‘ये स्वदेशी है’, गर्व से कहो ‘ये स्वदेशी है’।”
स्वच्छता को बताया त्योहारों की आत्मा
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता अभियान की महत्ता पर एक बार फिर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल एक सरकारी मुहिम नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। “जहां स्वच्छता है, वहां त्योहारों का आनंद भी और बढ़ जाता है। इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। न केवल अपने घर को, बल्कि अपने आस-पास के क्षेत्रों को भी स्वच्छ रखें। स्वच्छता एक संस्कार है, जिसे हमें पीढ़ियों तक आगे बढ़ाना है।”
जन भागीदारी की सराहना, सुझावों के लिए आभार
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए देशभर से आए संदेशों और सुझावों के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम तभी सार्थक होता है जब इसमें लोगों की सक्रिय भागीदारी होती है।
“मैं सभी श्रोताओं से अनुरोध करता हूं कि वे अपने विचार, अनुभव और सुझाव मुझे भेजते रहें। आपके हर सुझाव से मुझे नई प्रेरणा मिलती है और यही ‘मन की बात’ को जन आंदोलन बनाता है। अगली बार हम फिर मिलेंगे और कुछ नए विषयों पर चर्चा करेंगे।” उन्होंने अंत में देशवासियों को धन्यवाद देते हुए कहा, “बहुत-बहुत धन्यवाद, नमस्कार।”