
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया और आतंकवाद के खिलाफ सरकार की निर्णायक कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा देश के सामने रखा। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को भारत के “विजयोत्सव” के रूप में पेश करते हुए कहा कि आतंकियों और उनके आकाओं को ऐसी सजा दी गई है, जिसकी वे कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे।
पीएम मोदी का यह संबोधन उस घटना की पृष्ठभूमि में आया है, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक वीभत्स आतंकी हमला हुआ था, जिसमें निर्दोष लोगों को उनका धर्म पूछकर गोली मारी गई थी। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था और इसके जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।
“यह भारत के विजयोत्सव का सत्र है”
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, “मैंने पहले ही कहा था कि यह भारत के विजयोत्सव का सत्र है। और जब मैं विजयोत्सव की बात करता हूं, तो यह आतंक के ठिकानों को मिट्टी में मिलाने का उत्सव है। यह ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उत्सव है।” उन्होंने कहा कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ भारत के अडिग संकल्प का प्रतीक है और देश को हिंसा की आग में झोंकने की साजिश को करारा जवाब है।
पहलगाम हमला: साजिश की परतें
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने एक भयावह हमला किया था। इस हमले में निर्दोष नागरिकों को सिर्फ उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया। प्रधानमंत्री ने इस हमले को “क्रूरता की पराकाष्ठा” बताते हुए कहा, “यह भारत को दंगों और हिंसा की आग में झोंकने की सोची-समझी साजिश थी। यह आतंकवादियों की सिर्फ एक गोली नहीं थी, यह भारत की एकता और अखंडता पर हमला था। लेकिन मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने एकजुट होकर उस साजिश को नाकाम किया।”
विदेश से लौटते ही बनाई रणनीति
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल को हमला होने के वक्त वे विदेश यात्रा पर थे, लेकिन लौटते ही उन्होंने उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि आतंकवादियों को करारा जवाब दिया जाएगा। “मैंने कहा कि सजा केवल हमलावरों को नहीं, उनके आकाओं को भी मिलनी चाहिए – और ऐसी सजा जो कल्पना से भी परे हो। सेना को स्पष्ट रूप से खुली छूट दी गई थी कि कहां, कब और कैसे कार्रवाई करनी है, यह पूरी तरह वे तय करेंगे।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’: 22 मिनट में जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई की मध्यरात्रि को बेहद सटीक और सुनियोजित तरीके से कार्रवाई की। “22 अप्रैल की घटना के ठीक 15 दिन बाद, 22 मिनट में भारतीय सेना ने उन आतंकियों और उनके आकाओं को ऐसा सबक सिखाया कि आज भी उनकी नींदें उड़ चुकी हैं। सेना ने दुश्मनों को धुआं-धुआं कर दिया।” उन्होंने कहा कि भारत की इस कार्रवाई से न केवल आतंकी नेटवर्क बल्कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों को भी बड़ा झटका लगा है।
पाक की परमाणु धमकी और भारत का जवाब
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी बताया कि ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान की तरफ से परमाणु हमले की धमकियां दी जा रही थीं। “पाकिस्तानी सेना को इस बात का अंदाजा हो गया था कि भारत इस बार चुप नहीं बैठेगा। घबराहट में उन्होंने परमाणु हमले की धमकियां देना शुरू कर दीं। लेकिन भारत ने इन धमकियों को दरकिनार करते हुए तय समय पर कार्रवाई की और पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका।” यह वक्तव्य इस बात को रेखांकित करता है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले के जवाब में “रणनीतिक संयम” के बजाय “सटीक प्रतिकार” की नीति पर चल रहा है।
विपक्ष पर निशाना
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि कुछ दलों ने हमेशा देश की सुरक्षा को राजनीति के चश्मे से देखा है। “जब मैं यहां भारत का पक्ष रखने आया हूं, तो मैं उन लोगों को आईना दिखाने भी आया हूं जो भारत की मजबूती को नहीं देखना चाहते। कुछ लोगों को ऑपरेशन की सफलता में भी राजनीति नजर आती है। मैं उन्हें कहना चाहता हूं, यह नया भारत है, जो घर में घुसकर मारता है और दुश्मनों की नींद उड़ाता है।”