
New Delhi, Apr 29 (ANI): Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting with Defence Minister Rajnath Singh (unseen), National Security Advisor Ajit Doval (unseen), Chief of Defence Staff General Anil Chauhan (unseen) and chiefs of all the Armed Forces, in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo)
पंजाब इस वक्त भयंकर बाढ़ की चपेट में है और हालात अभी भी पूरी तरह काबू में नहीं आए हैं। राज्य के 23 जिलों के 1,900 से अधिक गांव इस आपदा से प्रभावित हैं, जहां अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1.71 लाख हेक्टेयर फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 सितंबर को गुरदासपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री वहां हवाई सर्वेक्षण के जरिए बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेंगे और राहत प्रयासों का मूल्यांकन करेंगे।
इसी बीच अभिनेता और समाजसेवी सोनू सूद भी पंजाब पहुंच गए हैं और उन्होंने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित गांवों का दौरा कर राहत कार्यों में योगदान देने का संकल्प लिया है। सोनू सूद ने स्पष्ट किया है कि वे सिर्फ दौरा नहीं करेंगे, बल्कि ज़मीनी स्तर पर लोगों की मदद करेंगे और पुनर्वास कार्यों में भी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे।
प्रधानमंत्री का दौरा: राहत की उम्मीद
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग तत्काल राहत और पुनर्वास सहायता की मांग कर रहे हैं। उनके इस दौरे से यह उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार राहत पैकेज का एलान कर सकती है, जिससे बाढ़ पीड़ितों को कुछ राहत मिले।
प्रधानमंत्री का यह दौरा मुख्यतः गुरदासपुर जिले पर केंद्रित होगा, जो कि बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक है। यहां कई गांवों में सड़कों और घरों को नुकसान पहुंचा है और बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी हवाई सर्वेक्षण के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे ताकि ज़मीनी हालात की विस्तृत जानकारी ली जा सके और आगे की रणनीति तय की जा सके।
बाढ़ का असर: 43 मौतें, लाखों की फसल तबाह
पंजाब की बाढ़ इस साल की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक बन गई है। राज्य के 23 जिलों में बाढ़ का कहर इस कदर टूटा कि हजारों परिवारों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। खासकर अजनाला, सुल्तानपुर लोधी, फाजिल्का, फिरोजपुर और बागपुर जैसे क्षेत्रों में हालात अत्यंत भयावह हैं। खेतों में जमा पानी और रेत के कारण रबी फसल की बुवाई भी खतरे में पड़ गई है। अधिकारियों का कहना है कि लगातार बारिश और नदियों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ती चली गई। कई गांवों में सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है, जिससे राहत सामग्री पहुंचाने में भी दिक्कतें आ रही हैं।
सोनू सूद की एंट्री: “पंजाब को फिर से खड़ा करना प्राथमिकता”
जहां राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर राहत कार्य चल रहे हैं, वहीं अभिनेता सोनू सूद एक बार फिर जन सेवा के लिए सामने आए हैं। रविवार सुबह अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की और बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सीधी मदद देने की बात कही। “मैं बागपुर, सुल्तानपुर लोधी, फिरोजपुर, फाजिल्का और अजनाला जैसे सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में जाऊंगा। मैं वहां जाकर समझना चाहता हूं कि लोगों को किस चीज़ की सबसे ज्यादा जरूरत है,”उन्होंने कहा कि वे स्थानीय प्रशासन से समन्वय करके राहत कार्यों में भाग लेंगे और जिन लोगों के घर बर्बाद हो चुके हैं, उनके लिए रिहायशी सुविधा उपलब्ध कराने की भी योजना है।
“ये काम हफ्ते-दस दिन का नहीं है”
सोनू सूद ने कहा कि पंजाब को इस त्रासदी से उबारने में समय लगेगा, “यह कोई हफ्ते-दस दिन का काम नहीं है। पुनर्निर्माण और पुनर्वास में कई महीने लगेंगे। हमें मिलकर पंजाब को फिर से खड़ा करना होगा। इसके लिए और भी लोगों को आगे आना होगा।” उन्होंने लोगों से दान देने और स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ने की अपील की ताकि एक व्यापक और प्रभावशाली राहत कार्य संचालित किया जा सके।
लगातार बारिश से राहत कार्यों में बाधा
पंजाब के कई हिस्सों में अभी भी बारिश का दौर जारी है, जिससे राहत कार्यों में रुकावटें आ रही हैं। कई गांवों में फंसे हुए लोगों को नावों और हेलीकॉप्टरों के जरिए निकाला जा रहा है।
राज्य सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं, लेकिन प्रभावित गांवों की संख्या इतनी अधिक है कि हर जगह तुरंत मदद पहुंचा पाना संभव नहीं हो पा रहा। स्थानीय प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविर बनाए हैं, जहां पीड़ितों को खाना, दवाइयां और आश्रय दिया जा रहा है, लेकिन संसाधनों की कमी साफ दिखाई दे रही है।