
आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बिहार पहुंचे। अपने एक दिवसीय दौरे पर उन्होंने मोतिहारी की धरती से राज्यवासियों को 7217 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इसके साथ ही उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की योजनाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और विपक्षी दलों पर तीखे हमले किए।
प्रधानमंत्री ने मोतिहारी में आयोजित जनसभा में अपने संबोधन के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से लेकर माओवाद, रोजगार, विकास और विपक्षी INDIA गठबंधन तक कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। उनका यह भाषण न केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा था बल्कि बिहार के प्रति उनकी सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करने वाला भी रहा।
ऑपरेशन सिंदूर से शुरू हुआ भाषण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह नया भारत है, जो दुश्मनों को सजा देने के लिए जमीन-आसमान एक कर देता है। बिहार की इस धरती से ही मैंने ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा की थी। इसके बाद पूरी दुनिया ने भारत की ताकत को देखा। आज भारत का परचम दुनिया में लहर रहा है।”
प्रधानमंत्री ने यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं रहा, बल्कि वैश्विक मंच पर निर्णायक भूमिका निभाने वाला राष्ट्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि बिहार को अब वैश्विक बाजार से जोड़ा जाएगा और किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में केंद्र सरकार लगातार कार्य कर रही है।
विकास और रोजगार पर जोर
अपने भाषण में मोदी ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने बिहार के विकास के लिए जो काम किए हैं, वे अभूतपूर्व हैं। उन्होंने कहा, “हमारे विजन में है – समृद्ध बिहार, हर युवा को रोजगार! हम सिर्फ वादों में नहीं अटके हैं, हमने जमीन पर काम किया है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि बिहार के युवाओं को यहीं रोजगार देने के लिए औद्योगिक ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। “राजद और कांग्रेस के शासन में जहाँ गरीबों को पक्का घर मिलना एक सपना था, आज वहां घर बन रहे हैं और परिवारों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है,” उन्होंने कहा।
माओवाद पर कड़ा प्रहार
पीएम मोदी ने चंपारण, गया, औरंगाबाद, जमुई जैसे जिलों का जिक्र करते हुए कहा कि माओवाद आज अंतिम सांसें गिन रहा है। “इन क्षेत्रों में कभी माओवाद का काला साया था, लेकिन आज वहां के युवा बड़े-बड़े सपने देख रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि भारत को नक्सलवाद से मुक्त करेंगे,” उन्होंने जोर देकर कहा।
प्रधानमंत्री का यह बयान माओवादी हिंसा से जूझते रहे बिहार के लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि अब वह युग समाप्त हो रहा है जब विकास को बंदूक की नोक पर रोका जाता था।
राजद-कांग्रेस शासन पर तीखा हमला
विपक्षी INDIA गठबंधन, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इनके शासन में गरीब आदमी को पक्का घर मिलना असंभव था। उस समय जंगलराज था, लोग अपने घरों में रंग-रोगन भी नहीं करवाते थे, डरते थे कि कहीं घर पर नजर पड़ गई तो उन्हें उठा न लिया जाए।” उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से सरकार की उपलब्धियां गिनाईं – “बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में 4 करोड़ से ज्यादा घर बनाए गए, जिनमें से लगभग 60 लाख सिर्फ बिहार में बने हैं। अकेले मोतिहारी में करीब 3 लाख परिवारों को पक्के घर मिले हैं।”
राजनीतिक प्रतिशोध से आजादी का दावा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 से पहले की यूपीए सरकार ने बिहार के साथ राजनीतिक प्रतिशोध किया। “10 साल के शासन में यूपीए ने बिहार को महज 2 लाख करोड़ रुपये दिए। लेकिन 2014 में जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, तब से लेकर अब तक एनडीए सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई गुना अधिक फंड आवंटित किया है।” उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने ‘राजनीतिक बदले की उस संस्कृति’ को समाप्त कर दिया, जो पहले बिहार के विकास में बाधा बनती थी।
‘परिवारवादी’ राजनीति पर प्रहार
अपने भाषण के अंतिम हिस्से में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और राजद पर ‘परिवारवादी’ राजनीति करने का आरोप लगाया। “ये लोग गरीब, दलित, पिछड़ों और वंचितों के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन सम्मान सिर्फ अपने परिवार के लोगों को देते हैं। बिहार की जनता अब इनकी असलियत जान चुकी है,” उन्होंने कहा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि बिहार को इन ताकतों से मुक्त रखना है और विकास की गति को और तेज करना है। “हमें संकल्प लेना है – नया बिहार बनाएंगे, फिर एक बार एनडीए सरकार!” उनका यह नारा जनसभा में गूंजता रहा।