
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है। पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान गूगल, एनवीडिया जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनियों के CEOs से भी मुलाकात की, जो वैश्विक प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
भारतीय-अमेरिकियों को संबोधन
न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात की, जिनमें से एक ऐसी घोषणा थी, जिससे चीन की बेचैनी बढ़ गई। उन्होंने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब आप अमेरिका में ‘मेड इन इंडिया’ चिप देखेंगे।” यह बयान केवल एक आर्थिक पहल नहीं, बल्कि एक तकनीकी और रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत और अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर डील
पीएम मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच एक प्रमुख डील की घोषणा की, जिसके तहत दोनों देश मिलकर पहला राष्ट्रीय सुरक्षा ‘सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट’ बनाने जा रहे हैं। यह प्लांट भारत में हाई-टेक चिप्स के निर्माण के लिए स्थापित किया जाएगा, जो न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि अमेरिकी सेना के साथ भारत की साझेदारी को भी मजबूत करेगा।
चीन की प्रतिक्रिया
यह घोषणा चीन के लिए चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच इस तरह की तकनीकी साझेदारी बीजिंग की रणनीतिक स्थिति को चुनौती देती है। चीन ने हमेशा से अपनी तकनीकी बढ़त को बनाए रखने के लिए संघर्ष किया है, और ऐसे में भारत की इस नई पहल से उसकी स्थिति और अधिक कमजोर हो सकती है।
सेमीकंडक्टर की महत्वता
सेमीकंडक्टर चिप्स आधुनिक तकनीकी युग का आधार हैं। ये चिप्स न केवल स्मार्टफोन्स और कंप्यूटरों में उपयोग होते हैं, बल्कि वे ऑटोमोबाइल, एरोस्पेस, रक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत का इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
अमेरिका-भारत की बढ़ती दोस्ती
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती और सहयोग केवल आर्थिक या तकनीकी नहीं, बल्कि सामरिक भी है। पीएम मोदी के इस दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों देश मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह साझेदारी भारत को वैश्विक तकनीकी आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना सकती है।
भारत के लिए रणनीतिक महत्व
भारत के लिए यह डील कई मायनों में महत्वपूर्ण है। पहले, यह भारत को उच्च तकनीकी उत्पादों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। दूसरे, यह अमेरिका के साथ सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगी, जो भारतीय रक्षा और सुरक्षा के लिए भी लाभदायक है।