
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया कनाडा यात्रा को लेकर देश-विदेश में चर्चाओं का दौर जारी है। इस ऐतिहासिक दौरे को लेकर राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने इसे भारत के लिए “एक बड़ी कूटनीतिक सफलता” बताया है। संधू का कहना है कि इस यात्रा से न केवल भारत-कनाडा संबंधों में नई शुरुआत हुई है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति भी और अधिक सुदृढ़ हुई है।
जी7 आमंत्रण को लेकर उत्साह
राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा जी7 सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। यह आमंत्रण भारत के वैश्विक महत्व को दर्शाता है। संधू के अनुसार, कार्नी का यह बयान कि “भारत ग्लोबल साउथ की एक बड़ी शक्ति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता,” यह स्पष्ट करता है कि भारत अब केवल एक उभरती शक्ति नहीं, बल्कि एक निर्णायक वैश्विक खिलाड़ी बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी जी7 आमंत्रण को स्वीकार करते हुए कार्नी और कनाडा को धन्यवाद दिया, और समूह को उसकी 50वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “ऊर्जा सुरक्षा आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है,” और इस दिशा में भारत की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया।
भारतीय समुदाय का भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री के कनाडा आगमन पर प्रवासी भारतीय समुदाय ने जिस गर्मजोशी से उनका स्वागत किया, उसने पूरे कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया। ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में हुए कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में प्रवासी भारतीय एकत्रित हुए। सतनाम सिंह संधू ने जानकारी दी कि 25 सिख संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। यह न केवल एकता और समर्थन का प्रतीक था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मोदी के नेतृत्व में प्रवासी भारतीय गर्व महसूस कर रहे हैं।
विरोधियों के प्रोपगेंडा की पोल खुली
संधू ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ फैलाए जा रहे झूठे प्रोपगेंडा की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि “जो ताकतें यह प्रचार कर रही थीं कि कनाडा में भारतीय नेतृत्व का विरोध है, उन्हें इस दौरे ने करारा जवाब दिया है। हजारों प्रवासी भारतीयों का मोदी जी के समर्थन में एकजुट होना स्वयं में एक जवाब है।”
संधू ने यह भी कहा कि यह दौरा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इसने दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की एक नई बुनियाद रखी है।
भारत-कनाडा रिश्तों में पुनरुत्थान
हाल के वर्षों में भारत और कनाडा के रिश्तों में कुछ तनाव देखने को मिला था, खासकर खालिस्तानी गतिविधियों और राजनयिक टकराव के चलते। लेकिन इस दौरे ने इन तनावों को पीछे छोड़ते हुए संबंधों में नयापन और ऊर्जा भर दी है।
संधू के अनुसार, इस यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंधों में ‘पुनरुत्थान’ देखा जा रहा है। दोनों देशों ने व्यापार, शिक्षा, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग के नए आयामों पर चर्चा की है, और भविष्य में उच्च-स्तरीय वार्ताओं की योजना भी बनाई गई है।
ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल कनाडा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत अब ग्लोबल साउथ की आवाज बन चुका है। संधू ने कहा कि “भारत आज एक ऐसा देश बन गया है जो वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा रहा है। चाहे जलवायु परिवर्तन हो, ऊर्जा सुरक्षा या वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला—भारत हर मंच पर अपनी बात मजबूती से रख रहा है।”
सामुदायिक जुड़ाव और सांस्कृतिक पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने और उसकी सुरक्षा को लेकर विशेष बातें कीं। उन्होंने वहां बसे भारतीय मूल के नागरिकों से मुलाकात की, और उनके साथ भारतीयता और संस्कृति की साझा विरासत पर चर्चा की।
एक विशाल कार्यक्रम में, उन्होंने कनाडा में बसे भारतीय छात्रों, उद्यमियों और पेशेवरों से बातचीत की और उन्हें भारत के विकास में भागीदार बनने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि “भारत की प्रगति अब केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक विकास का हिस्सा है।”
भविष्य की दिशा
राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने इस दौरे को एक ऐसे मोड़ के रूप में देखा है जहां से भारत और कनाडा संबंध एक नई दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि “अब वह समय आ गया है जब दोनों देश केवल रणनीतिक साझेदार नहीं, बल्कि वैश्विक सहयोगी बनकर उभरेंगे।”
संधू ने यह भी स्पष्ट किया कि यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री का यह दौरा भविष्य की साझेदारियों के लिए एक मजबूत नींव साबित होगा।”