
पंजाब में नशा तस्करी के खिलाफ छेड़े गए अभियान पर राजनीतिक घमासान और तेज हो गया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तीखा हमला बोला। यह हमला उस वक्त सामने आया जब कैप्टन ने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए उसकी आलोचना की।
भगवंत मान ने कैप्टन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक तल्ख पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “कैप्टन साहब, आज आपको नशा तस्करों के मानवाधिकारों की चिंता हो रही है। जब आपके और आपके भतीजे के शासन में पंजाब के युवा तड़प-तड़प कर मर रहे थे, तब आप महफिलें सजा रहे थे।” मुख्यमंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार नशा तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है और वह पूर्ववर्ती सरकारों पर इस संकट के लिए जिम्मेदार मानती है।
मजीठिया की गिरफ्तारी बनी सियासी बहस का केंद्र
पंजाब की राजनीति में यह नया मोड़ तब आया जब 25 जून 2025 को अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। मजीठिया की गिरफ्तारी उनके अमृतसर स्थित आवास से हुई थी और इस दौरान विजिलेंस और पुलिस की संयुक्त टीम ने पंजाब भर में 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
बिक्रम मजीठिया लंबे समय से पंजाब में नशा तस्करी से जुड़ी जांचों के घेरे में थे। इससे पहले भी उनके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था, लेकिन हर बार उन्हें या तो जमानत मिलती रही या मामला राजनीतिक दबाव में आकर कमजोर होता गया। लेकिन इस बार विजिलेंस की कार्रवाई को लेकर सरकार का दावा है कि यह पूरी तरह तथ्यों और सबूतों पर आधारित है।
कैप्टन ने कहा — “यह बदले की राजनीति”
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो चुके हैं, ने मजीठिया की गिरफ्तारी पर नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि यह “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” है। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि मजीठिया को निशाना बनाना आम आदमी पार्टी की प्रतिशोध की राजनीति का हिस्सा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारें सत्ता में आने के बाद पुराने मामलों को राजनीतिक हथियार बना लेती हैं।” कैप्टन की इस प्रतिक्रिया ने पंजाब की राजनीति में उबाल ला दिया, और इससे नशा तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीतिक ध्रुवीकरण और गहराता नजर आया।
“गुटका साहिब की शपथ कहां गई?”: भगवंत मान का सीधा सवाल
कैप्टन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने पोस्ट में तंज कसते हुए लिखा, “बीजेपी अब आपके बयान को व्यक्तिगत बताकर अपना पल्ला झाड़ लेगी। लेकिन सवाल यह है कि जब आपने 2017 में गुटका साहिब की कसम खाकर कहा था कि सरकार बनते ही मजीठिया को जेल भेजूंगा, तब वह संकल्प कहां गया? क्यों आपने कार्यकाल भर सिर्फ राजनीति ही की और नशा माफिया पर कार्रवाई नहीं की?” मुख्यमंत्री के इस बयान ने कैप्टन की उस चुनावी कसम को फिर से केंद्र में ला दिया है, जो उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले अकाली दल के खिलाफ उठाई थी।
‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ — आम आदमी पार्टी का बड़ा अभियान
वर्तमान आप सरकार ने राज्य में ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ नाम से एक बड़ा नशा विरोधी अभियान चला रखा है, जिसमें ड्रग माफियाओं की संपत्ति जब्त करने से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग और इंटरनेशनल नेटवर्क्स की धरपकड़ तक कई कदम उठाए जा रहे हैं।
बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी इसी अभियान के तहत की गई सबसे उच्च-प्रोफाइल कार्रवाई मानी जा रही है। पंजाब सरकार का दावा है कि उनके पास मजीठिया के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, और यह मामला केवल “राजनीति” नहीं, बल्कि “जन सुरक्षा” से जुड़ा हुआ है।
पंजाब की जनता को “बहकाया गया”: भगवंत मान
अपने बयान में भगवंत मान ने यह भी कहा कि: “अब पंजाब की जनता आपके दोहरे चरित्र को जान चुकी है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐसा तब हुआ जब बहुत कुछ खो दिया गया — युवाओं की जानें, परिवारों की उम्मीदें, समाज की स्थिरता।” मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य केवल कानून का पालन कराना नहीं, बल्कि नशे के सामाजिक प्रभावों से पंजाब को मुक्त करना है।