
बिहार में इस साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है। बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जब राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे, तो एक ओर जहां महागठबंधन के नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने तीखा विरोध जताते हुए इस यात्रा को विवाद के घेरे में ला खड़ा किया।
भारतीय जनता पार्टी ने स्टालिन और उनके सहयोगियों के पुराने बयानों को आधार बनाते हुए ‘बिहारियों का अपमान’ करार दिया है और मांग की है कि या तो स्टालिन अपने पुराने बयानों पर माफी मांगें या फिर अपनी कथनी पर टिके रहें।
भाजपा का तीखा विरोध: “दम है तो बिहार में दोहराएं बयान”
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बिहार आने के कुछ ही घंटों बाद, भाजपा प्रवक्ता नारायण तिरुपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर स्टालिन को खुली चुनौती दे डाली। उन्होंने लिखा “मैं बिहार जा रहे एम.के. स्टालिन को चुनौती देता हूँ — अगर हिम्मत है, तो अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन के उस बयान को बिहार में दोहराएं जिसमें उन्होंने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी। और क्या आप अपने रिश्तेदार और डीएमके सांसद दयानिधि मारन के उस बयान को दोहराने का साहस करेंगे जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहारी तमिलनाडु में टॉयलेट साफ करते हैं?”
भाजपा नेताओं का कहना है कि जो नेता उत्तर भारतीयों, विशेषकर बिहारियों का अपमान करते हैं, उन्हें बिहार की धरती पर राजनीति करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
स्टालिन का पलटवार: “बिहार की धरती हर चुराए गए वोट का बोझ उठाए हुए है”
एम.के. स्टालिन ने पटना पहुंचते ही यात्रा में भाग लेने के बाद अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा: “बिहार पहुंच गया हूं। लालू प्रसाद यादव की धरती अपनी आंखों में आग लेकर मेरा स्वागत कर रही है। इसकी मिट्टी हर चुराए गए वोट का बोझ उठाए हुए है। मैंने अपने भाइयों राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और बहन प्रियंका गांधी के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में भाग लिया जो लोगों के दर्द को ताकत में बदलने की मुहिम है।”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि स्टालिन ने भाजपा की चुनौतियों को सीधे जवाब देने के बजाय राजनीतिक नैरेटिव को लोकतंत्र और वोटर अधिकारों की ओर मोड़ने की कोशिश की है।
विवाद की जड़: दिसंबर 2023 का बयान
भाजपा के आक्रोश की जड़ है द्रमुक सांसद दयानिधि मारन का दिसंबर 2023 में दिया गया बयान, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि “बिहारी तमिलनाडु में टॉयलेट साफ करते हैं।” इस बयान की उस वक्त भी कड़ी आलोचना हुई थी। इसके अलावा, उदयनिधि स्टालिन — जो एमके स्टालिन के बेटे हैं — उन्होंने भी सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि “सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए।” भाजपा का कहना है कि ये बयान न केवल बिहारियों का अपमान हैं बल्कि भारत की सांस्कृतिक अस्मिता पर सीधा हमला भी हैं।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, “बिहारी स्वाभिमानी हैं। हम उस नेता को कैसे स्वीकार कर सकते हैं, जिसके सांसद ने हमारे लोगों को अपमानित किया? स्टालिन को पहले माफी मांगनी चाहिए, उसके बाद बिहार की राजनीति में पैर रखना चाहिए।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा: “DMK और कांग्रेस की ये जातिवादी और क्षेत्रीय सोच भारत को बांटने वाली है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।”
विपक्ष का जवाब: “बात मुद्दों की होनी चाहिए, न कि भावनाओं को भड़काने की”
राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा की आलोचना को ‘पलायनवादी राजनीति’ करार दिया। तेजस्वी ने कहा,”भाजपा को आज बिहारियों की याद आ रही है, लेकिन जब उन्होंने नोटबंदी की, किसानों पर अत्याचार किया, बेरोजगारी बढ़ाई, तब उन्हें बिहारियों की चिंता क्यों नहीं हुई?” कांग्रेस प्रवक्ता सुहासिनी अली ने कहा,”यह यात्रा भारत के वोटर की आवाज है। भाजपा का हर बार पुरानी बातों को उछालकर मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास अब लोग समझ चुके हैं।”
रेवंत रेड्डी की मौजूदगी भी चर्चा में
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी की यात्रा में उपस्थिति भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही। उन्होंने कहा,”बिहार की राजनीतिक चेतना पूरे देश को राह दिखाती रही है। आज जब लोकतंत्र खतरे में है, बिहार से उठ रही यह आवाज पूरे देश में गूंजेगी।”