
दिल्ली, 20 फरवरी 2025: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने गुरुवार को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को शपथ लेने पर बधाई दी। इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये की राशि देने की मांग की। आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपील की कि वह अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को लागू करने की घोषणा करें, जिसे भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था।
आतिशी ने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के नाते रेखा गुप्ता से उम्मीद की जाती है कि वह दिल्ली की महिलाओं से किया गया वादा पूरा करेंगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने वादा किया था कि दिल्ली की हर महिला के बैंक खाते में 2500 रुपये की राशि जमा की जाएगी और यह पहली किस्त 8 मार्च 2025 तक जारी की जाएगी। अब जबकि शपथ ग्रहण समारोह हो चुका है और नई सरकार गठन हो चुका है, आतिशी ने भाजपा से इस वादे को पूरा करने की अपील की।
रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह में दिखी राजनीतिक अदावत
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का शपथ ग्रहण समारोह राजनीति का एक दिलचस्प और विवादास्पद मंजर था। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी और समारोह में अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज कराई। रामलीला मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी उपस्थित नहीं हुए। इसके अलावा, आप की नाराज राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल भी इस आयोजन में शामिल नहीं हुईं।
आप के नेताओं का इस समारोह में भाग न लेना और समारोह से दूरी बनाना पार्टी की अंदरूनी राजनीति का संकेत देता है। आम आदमी पार्टी की ओर से समारोह में न आने के बाद भाजपा ने दावा किया कि आप नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने जानबूझकर इसमें हिस्सा नहीं लिया।
कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति
हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव शामिल हुए। उन्होंने मंच पर स्वाति मालीवाल के साथ बैठकर कार्यक्रम का हिस्सा बने। इसने एक बार फिर दिल्ली की राजनीति में पार्टी-विशेष खींचतान को उजागर किया।
कांग्रेस का इस समारोह में शामिल होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत है, जिससे यह प्रतीत होता है कि दिल्ली में भाजपा और कांग्रेस के बीच रिश्ते सुलझने की दिशा में बढ़ रहे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व ने इस कार्यक्रम से खुद को अलग रखा।
स्वाति मालीवाल का तीखा बयान
आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थित रहने पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि, “आतिशी की सीट उनके बगल में थी, लेकिन वह नहीं आईं। इतनी छोटी राजनीति नहीं करनी चाहिए।” स्वाति मालीवाल ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी की ओर से यह कदम राजनीति की छोटी सोच को दर्शाता है, जो केवल अपोजिशन से जुड़ी राजनीति पर केंद्रित है और राज्य के असली मुद्दों को नजरअंदाज किया जाता है।
स्वाति मालीवाल ने यमुना नदी के प्रदूषण का मुद्दा भी उठाया और सरकार से अपील की कि यमुना को साफ किया जाए। उन्होंने कहा कि यह नदी अब एक नाले में तब्दील हो चुकी है और इसे पुनः साफ करना अत्यंत आवश्यक है ताकि दिल्ली की इस महत्वपूर्ण जलधारा को जीवन मिल सके।
भाजपा का चुनावी वादा
दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने कई घोषणाएं की थीं, जिसमें महिलाओं के लिए 2500 रुपये की राशि जमा करने का वादा प्रमुख था। पार्टी ने इस योजना को अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रमुख रूप से शामिल किया था और वादा किया था कि इसे 8 मार्च 2025 तक लागू किया जाएगा। अब जबकि रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री बन चुकी हैं, दिल्ली की महिलाओं को उम्मीद है कि भाजपा सरकार इस वादे को पूरा करेगी और पहली किस्त जल्द जारी होगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह के बाद, यह सवाल उठने लगा है कि भाजपा इस वादे को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाएगी। आतिशी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और भाजपा से यह मांग की कि वे जल्द से जल्द इस योजना पर विचार करें और इसे लागू करें।
राजनीति में नए समीकरण
दिल्ली की राजनीति में यह घटनाक्रम एक नया मोड़ लेकर आया है। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी भाजपा के इस वादे को लेकर दबाव बना रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी इस राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल हो रही है। स्वाति मालीवाल और अन्य नेताओं के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली में राजनीतिक लड़ाई केवल भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी इस खेल में अपनी भूमिका निभा रही है।
आखिरकार, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सामने चुनौती यह होगी कि वे किस प्रकार से इस वादे को पूरा करती हैं, ताकि वे दिल्ली की महिलाओं को उनका हक दिला सकें। वहीं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद, यह तय करना होगा कि भाजपा इस वादे को कितनी जल्दी पूरा करती है और इसका लाभ दिल्ली की महिलाओं को कब मिलेगा।