
वेस्ट उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की निर्णायक जीत के एक दिन बाद पंजाब की सियासत में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से शिष्टाचार मुलाकात की, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घोषणा करते हुए कहा कि “दो-तीन दिन में पंजाब में कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा और संजीव अरोड़ा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह भेंट शुद्ध रूप से औपचारिक थी, कोई विशेष मुद्दा चर्चा में नहीं आया। हालांकि, उनके इस दौरे के राजनीतिक मायने जरूर निकाले जा रहे हैं, खासकर तब जब पार्टी को हाल ही में एक चुनावी बढ़त मिली है और भविष्य की रणनीति पर मंथन शुरू हो चुका है।
लुधियाना वेस्ट में जीत के बाद सियासी समीकरणों में बदलाव
23 जून को घोषित लुधियाना वेस्ट उपचुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख दलों को पछाड़ते हुए सीट पर कब्जा बरकरार रखा। AAP उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस प्रत्याशी भारत भूषण आशु को 10,637 वोटों के बड़े अंतर से हराया। उन्हें कुल 35,179 वोट मिले, जबकि आशु को 24,542 वोट और भाजपा के जीवन गुप्ता को 20,323 वोट प्राप्त हुए। शिरोमणि अकाली दल के परुपकर सिंह घुमन को 8,203 वोट मिले।
यह नतीजा पार्टी के लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में दिल्ली में नगर निगम और उपचुनावों में उसे झटका लगा था। ऐसे में पंजाब की यह जीत पार्टी के मनोबल को नया संबल देती है।
कैबिनेट विस्तार की तैयारी, दो सीटें खाली
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने संजीव अरोड़ा से उपचुनाव के समय वादा किया था कि जीत के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। अब वक्त आ गया है कि उस वादे को निभाया जाए।”
फिलहाल पंजाब की कैबिनेट में दो पद खाली हैं, जिनमें से एक पद पर संजीव अरोड़ा की एंट्री लगभग तय मानी जा रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अरोड़ा को उद्योग या शहरी विकास विभाग जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिल सकती है, क्योंकि वे लुधियाना जैसे औद्योगिक शहर का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राज्यसभा सीट पर सस्पेंस, ‘जो पंजाब की बात करेगा, वही जाएगा’
कैबिनेट विस्तार की चर्चा के साथ ही राज्यसभा सीट को लेकर भी पार्टी में चर्चा तेज हो गई है। मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट किया कि अरविंद केजरीवाल राज्यसभा नहीं जाएंगे और कहा कि “जो पंजाब की बात करेगा, वही राज्यसभा जाएगा।” इस बयान के बाद सबसे प्रबल दावेदार के रूप में मनीष सिसोदिया का नाम एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति द्वारा ही लिया जाएगा। इससे यह भी साफ होता है कि पार्टी अब पंजाब से जुड़े मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज और मजबूत करने जा रही है।
AAP के लिए चंडीगढ़ में कार्यालय की मांग
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को एक औपचारिक पत्र भी सौंपा जिसमें उन्होंने चंडीगढ़ में AAP के लिए कार्यालय की जगह मांगी। चूंकि पंजाब के राज्यपाल चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं, इसलिए भगवंत मान ने तर्क दिया कि चूंकि AAP अब राष्ट्रीय पार्टी है और देश की अन्य बड़ी पार्टियों जैसे कांग्रेस और भाजपा को चंडीगढ़ में दफ्तर की जगह मिली हुई है, तो AAP को भी यह सुविधा दी जानी चाहिए।
यह मांग न केवल औपचारिक है, बल्कि इसका प्रतीकात्मक महत्व भी है — यह बताने का प्रयास कि आम आदमी पार्टी अब देश की मुख्यधारा की राजनीतिक ताकत बन चुकी है और उसे उसी स्तर की संस्थागत सुविधा मिलनी चाहिए।
रोड शो में दिखा जनसमर्थन, जनता को जताया धन्यवाद
लुधियाना वेस्ट की जीत के बाद मंगलवार को भगवंत मान, मनीष सिसोदिया और संजीव अरोड़ा के नेतृत्व में पार्टी ने लुधियाना में विजय रोड शो का आयोजन किया। हज़ारों कार्यकर्ता, समर्थक और स्थानीय नागरिक इस जुलूस में शामिल हुए।
इस मौके पर संजीव अरोड़ा ने कहा, “मैं आज तक कभी मंत्री पद नहीं मांगा और ना मांगूंगा। पार्टी जो आदेश देगी, उसका पालन करूंगा। यह जीत लुधियाना की जनता की है।” उन्होंने इस मौके पर कार्यकर्ताओं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आभार भी जताया और कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास के हर वादे को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे।
नशामुक्ति, शिक्षा और विकास पर AAP का फोकस
विजय जुलूस के दौरान मनीष सिसोदिया ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी की आगामी रणनीति साझा की। उन्होंने कहा कि “अब हम चैन से नहीं बैठेंगे। पंजाब को नशे से मुक्त करना है। हम एक-एक गांव में जाएंगे, एक-एक परिवार से बात करेंगे और नशे को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे।” साथ ही उन्होंने शिक्षा सुधारों और किसानों के लिए सरकार की योजनाओं को और तेज़ी से लागू करने पर भी जोर दिया।