
पश्चिम बंगाल में 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन ने देखते ही देखते हिंसा का रूप ले लिया। इस घटनाक्रम ने न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अब इस पर राष्ट्रीय राजनीति में भी भूचाल आ गया है। विपक्षी दल खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है।
इस बीच अमरावती से पूर्व सांसद और बीजेपी नेता नवनीत राणा ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ठाणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ममता बनर्जी को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि “ममता दीदी भूल गई हैं कि इस देश के प्रधानमंत्री रामभक्त हैं।”
नवनीत राणा का तीखा हमला – “बंगाल को बांग्लादेश बनाने की कोशिश”
बीजेपी नेता नवनीत राणा ने पश्चिम बंगाल की हिंसा पर ममता बनर्जी सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठाते हुए कहा: “जब से ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी हैं, उनका एक ही एजेंडा रहा है – हिंदू विचारधारा को दबाना। उन्होंने हर चुनाव, हर राजनीतिक मौके पर हिंदुओं को निशाना बनाया है। हिंदू बेटियों के साथ बलात्कार हुए, घर जलाए गए, दुकानें बंद करवाई गईं। ममता दीदी को भ्रम हो गया है कि वे बंगाल को बांग्लादेश बना देंगी।”
नवनीत राणा यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे कहा कि अब देश में ‘रामभक्त’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, और इस तरह के कृत्य अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। “ममता दीदी को ये समझ लेना चाहिए कि अब वक्त बदल गया है। कांग्रेस के शासनकाल में जो चला, वो अब नहीं चलेगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम जैसे विचारधारा वाले लोग ममता दीदी की जगह खुद जाकर बताएंगे कि शासन कैसे चलाना है।”
क्या है पश्चिम बंगाल हिंसा का मामला?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शुक्रवार को वक्फ संपत्ति कानून को लेकर मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रूप ले बैठा। पीटीआई के अनुसार, शमशेरगंज, जंगीपुर, सुती और धुलियान जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में भीषण आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले जैसी घटनाएं हुईं।
राज्य पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और गिरफ्तारी का सहारा लिया। अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान कई दुकानें जलाई गईं, वाहन क्षतिग्रस्त हुए और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
केंद्र की नजर, BSF ने किया दौरा
हिंसा की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार भी अलर्ट मोड पर है। सोमवार को BSF के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
BSF ADG (ईस्ट) रवि गांधी के नेतृत्व में एक डेलीगेशन ने साउथ बंगाल फ्रंटियर के AIG करनी सिंह शेखावत और अन्य अधिकारियों के साथ हालात का जायजा लिया।
इससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि केंद्र सरकार राज्य की स्थिति पर गंभीरता से नजर रखे हुए है और अगर राज्य सरकार हालात पर काबू पाने में विफल रही, तो संविधानिक हस्तक्षेप से इनकार नहीं किया जा सकता।
सियासी घमासान: BJP बनाम TMC
घटना के बाद से ही बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। बंगाल के पूर्व राज्यपाल और बीजेपी नेता जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर लिखा, “ममता सरकार बार-बार राज्य की संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर कर रही है। अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति शासन जैसे विकल्पों पर गंभीरता से विचार हो।”
टीएमसी की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सरकार इसे ‘साजिश’ और ‘धार्मिक ध्रुवीकरण’ की कोशिश मान रही है।
ममता सरकार की चुप्पी पर सवाल
घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से कोई सीधा बयान नहीं आया है। केवल राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि “स्थिति अब नियंत्रण में है और दोषियों पर कार्रवाई होगी।” लेकिन मुख्यमंत्री का मौन कई सवाल खड़े करता है।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी जानबूझकर इस मुद्दे पर चुप हैं क्योंकि उनकी तुष्टिकरण की राजनीति इस हिंसा की जड़ में छिपी हुई है।
कांग्रेस पर भी हमला
नवनीत राणा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि “कांग्रेस के कार्यकाल में भी हिंदुओं के खिलाफ अन्याय होता रहा, लेकिन आज वो खामोश हैं। अब अगर बंगाल में कोई मुख्यमंत्री हिंदू विरोधी नीति अपनाता है तो बीजेपी चुप नहीं बैठेगी।”