
पंजाब में नशे की समस्या पर राजनीतिक घमासान एक बार फिर तेज़ हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने शुक्रवार को ‘संविधान बचाओ रैली’ के दौरान राज्य सरकार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) पर तीखा हमला बोला। वड़िंग ने नशे के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को विफल बताया और आरोप लगाया कि राज्य में नशे की जड़ें गहरी हो चुकी हैं, जिन्हें केवल ‘रोजगार और सही नीतियों’ से ही समाप्त किया जा सकता है।
वड़िंग ने मंच से स्पष्ट कहा कि पंजाब से नशा केवल भाषणों और घोषणाओं से नहीं, बल्कि युवाओं को नौकरी देने से खत्म होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि जब तक सरकार रोजगार नहीं देगी, तब तक नशा प्रदेश को खोखला करता रहेगा।
आप सरकार की समयसीमा पर सवाल
आप सरकार ने विधानसभा चुनावों के दौरान वादा किया था कि 31 मई 2025 तक पंजाब को नशा मुक्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने कई बार इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने की बात कही, लेकिन विपक्ष का कहना है कि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है।
राजा वड़िंग ने सवाल किया, “31 मई आ गई, लेकिन क्या पंजाब से नशा खत्म हुआ? या केवल फाइलों और प्रेस नोट्स में रिपोर्टें बनाई जा रही हैं?” उन्होंने दावा किया कि नशे का नेटवर्क आज भी गांव-गांव में सक्रिय है और पुलिस तथा प्रशासन की मिलीभगत से यह कारोबार फल-फूल रहा है।
राजनीतिक आरोपों की बौछार
राजा वड़िंग ने अपने भाषण में न केवल AAP को घेरा, बल्कि भाजपा और अकाली दल पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि नशे की जड़ें अकाली सरकार के समय में पनपीं और बाद में किसी ने भी इसे खत्म करने की वास्तविक मंशा नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा, “नशा पंजाब में बादल सरकार के दौर में आया, और इसके बाद इसे खत्म करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। AAP सरकार ने भी इस दिशा में सिर्फ वादे किए हैं, काम नहीं।”
भाजपा पर हमला, सुनील जाखड़ को खुली चुनौती
वड़िंग का सबसे तीखा हमला पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर रहा। उन्होंने जाखड़ को मंच से चुनावी चुनौती देते हुए कहा, “अगर उनमें हिम्मत है तो अबोहर से चुनाव लड़ें, मैं उनके सामने खड़ा होऊंगा। अगर मैं हार गया तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ दूंगा।”
उन्होंने जाखड़ पर सत्ता के दौरान अबोहर की जनता को ‘दहशत’ में रखने का आरोप लगाया। वड़िंग ने कहा, “जाखड़ ने अबोहर के लोगों को अपने डर में रखा, लेकिन अब वे आज़ाद हो गए हैं। आज वे बोलते हैं, सवाल करते हैं। यही लोकतंत्र है।”
जाखड़ द्वारा उनकी पगड़ी को ‘नकली’ कहे जाने पर वड़िंग ने कहा, “जाखड़ बार-बार मेरी पगड़ी को नकली बताते हैं, लेकिन अब उन्हें पता चल जाएगा कि नकली कौन है और असली कौन।”
संविधान को लेकर कांग्रेस का अभियान
राजा वड़िंग ने अपनी रैली में कहा कि कांग्रेस का “जय संविधान” अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा संविधान को कमजोर करने की कोशिश में थी, लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व में चलाए गए संविधान रक्षा अभियान ने उसे रोक दिया।
वड़िंग ने कहा, “भाजपा 400 पार का दावा कर रही थी, लेकिन पूर्ण बहुमत भी नहीं मिला। जनता ने संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में मतदान किया है।”
नशे से जूझता पंजाब: युवाओं की पीड़ा
राजनीतिक बयानबाजी के बीच यह भी ज़रूरी है कि पंजाब की जमीनी हकीकत को समझा जाए। पंजाब पिछले एक दशक से नशे की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदेश के हर जिले में ड्रग-डी-एडिक्शन सेंटर्स में मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि नशे का मुख्य कारण बेरोजगारी, सामाजिक दबाव, और सीमावर्ती क्षेत्रों में आसान उपलब्धता है। पंजाब में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, और ग्रामीण इलाकों में यह समस्या और भी विकराल है।
AAP सरकार की जवाबदेही
AAP सरकार ने नशे के मुद्दे पर सत्ता में आने से पहले और बाद में भी कई वादे किए। ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई, नशा मुक्त गांव, हेल्पलाइन नंबर, और स्कूलों में जागरूकता अभियान जैसी योजनाएं चलाई गईं। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इन योजनाओं का प्रभाव सीमित है और प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार इसे पनपने नहीं दे रहा।
राजा वड़िंग ने इसी संदर्भ में कहा, “अगर सरकार वाकई ईमानदार है तो हर गांव में रोजगार मेलों का आयोजन करे, ड्रग्स की सप्लाई चेन को तोड़े, और जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने दे। वरना यह सिर्फ प्रचार है।”