
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर वर्षों से जारी खींचतान एक बार फिर गरमा गई है। ताजा विवाद का केंद्र है भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) का वह फैसला, जिसमें हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी देने की मंजूरी दी गई है। इस निर्णय से पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान बुरी तरह नाराज़ हैं। उनका कहना है कि यह फैसला पंजाब के जल अधिकारों का उल्लंघन है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
BBMB की तकनीकी समिति ने मंगलवार, 30 अप्रैल को लगभग पांच घंटे तक चली बैठक के बाद हरियाणा को पानी देने का यह निर्णय लिया। समिति के अनुसार, यह पानी भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर जैसे प्रमुख बांधों से छोड़ा जाएगा, जिनका जल दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच बंटा हुआ है।
पंजाब का ऐतराज: “हरियाणा ने पहले ही कर लिया है अपने हिस्से का उपयोग”
पंजाब सरकार ने इस फैसले पर तीखी आपत्ति जताई है। सूत्रों के मुताबिक, बीबीएमबी की बैठक में पंजाब के अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से का 103 प्रतिशत पानी इस्तेमाल कर चुका है। ऐसे में अतिरिक्त जल आपूर्ति न केवल अनुचित है, बल्कि यह राज्य के संसाधनों पर अन्याय भी है।
पंजाब सरकार का कहना है कि पोंग और रंजीत सागर बांधों में इस वर्ष जलस्तर पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने का फैसला खुद पंजाब के लोगों की जल आवश्यकताओं को खतरे में डाल सकता है।
बीबीएमबी की इस बैठक में राजस्थान के अधिकारियों ने भी हरियाणा के पक्ष का समर्थन किया। राजस्थान, जो कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य है, ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने की मांग को जायज़ ठहराया। इसके बाद से इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
भगवंत मान का तीखा हमला: “बीजेपी पंजाब के खिलाफ साजिश कर रही है”
बीबीएमबी के फैसले के तुरंत बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,
“पंजाब और पंजाबियों के हक का पानी बीबीएमबी के जरिए हरियाणा को दिया जा रहा है, जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं। केंद्र सरकार और हरियाणा की भाजपा सरकार मिलकर पंजाब के अधिकारों का हनन कर रही हैं।”
सीएम मान ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा,
“बीजेपी कभी भी पंजाब और पंजाबियों की नहीं हो सकती। यह केंद्र सरकार की एक और गंदी चाल है, जिसे हम किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। यह पंजाब के हक पर डाका है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
उनके इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार इस निर्णय के खिलाफ कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर विरोध करेगी।
आप का ऐलान: पंजाब भर में होगा बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन
पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस विवाद को लेकर भाजपा के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है। पार्टी का कहना है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार BBMB का इस्तेमाल करके पंजाब सरकार पर दबाव बना रही है।
सीएम मान ने यह भी आरोप लगाया कि यह निर्णय जानबूझकर एकतरफा तरीके से लिया गया है ताकि हरियाणा को फायदा और पंजाब को नुकसान हो। उन्होंने कहा कि हरियाणा को यदि अधिक पानी दिया गया, तो इसका असर सीधे तौर पर पंजाब के किसानों और आम जनता पर पड़ेगा, जिन्हें पहले से ही जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
बीबीएमबी की भूमिका पर सवाल
BBMB, यानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, एक केंद्रीय संस्था है जो भाखड़ा नांगल, पोंग और रंजीत सागर बांधों के पानी का प्रबंधन करती है। इसका गठन 1966 में पंजाब और हरियाणा के पुनर्गठन के बाद किया गया था ताकि जल वितरण में संतुलन और पारदर्शिता बनी रहे।
हालांकि, पंजाब की सरकार का आरोप है कि BBMB अब निष्पक्ष संस्था नहीं रह गई है। सीएम मान का कहना है कि इसमें केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों का प्रभाव बढ़ गया है, जिससे पंजाब के हितों की अनदेखी की जा रही है।