
पंजाब की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के हैंड ग्रेनेड वाले बयान को लेकर रविवार देर रात मोहाली के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई। पुलिस ने उन्हें समन भेजकर सोमवार को बयान दर्ज करवाने के लिए तलब किया था, लेकिन बाजवा के स्थान पर उनके वकील थाने पहुंचे और समय की मांग की।
इस बयान ने पंजाब की सियासत में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाजवा पर तीखा हमला बोला और कहा कि “बम गिनाने वाले अब कानून से बचने के लिए वकील तलाशते फिर रहे हैं।” कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बताया है और मंगलवार को प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
क्या कहा था बाजवा ने?
यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब प्रताप सिंह बाजवा ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह दावा किया कि, “पंजाब में 50 हैंड ग्रेनेड आए थे, जिनमें से 18 का इस्तेमाल हो चुका है, अब भी 32 बाकी हैं।”
इस बयान ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी बल्कि राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को भी चौकन्ना कर दिया। मुख्यमंत्री मान ने बयान को “आधारहीन और भय फैलाने वाला” बताया और चेतावनी दी थी कि अगर बाजवा के पास सटीक जानकारी है, तो वे उसे पुलिस के साथ साझा करें वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
FIR के बाद बाजवा की प्रतिक्रिया और कानूनी स्थिति
रविवार देर रात बाजवा के खिलाफ मोहाली के साइबर क्राइम थाने में FIR दर्ज की गई। उन्हें सोमवार को पुलिस स्टेशन में पेश होकर अपना बयान दर्ज करवाने का समन भेजा गया। लेकिन सोमवार को बाजवा स्वयं न जाकर उनके वकील पहुंचे, जिन्होंने पुलिस से मामले की तैयारी और कानूनी सलाह लेने के लिए समय मांगा।
वकील ने बताया कि समन रविवार रात को ही प्राप्त हुआ था, जिसकी वजह से प्रताप बाजवा समय रहते कानूनी सलाह नहीं ले सके। अब उन्होंने मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे थाने में पेश होकर बयान दर्ज करवाने की बात कही है।
भगवंत मान का पलटवार – “अब वकील तलाश रहे हैं”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पूरे प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ऐसा बयान दिया जिसका कोई आधार नहीं था। उनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ लोगों के मन में डर और दहशत फैलाना था।” मान ने पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब के लोग ऐसे ‘शरारती’ और ‘विभाजनकारी’ बयान देने वालों को माफ नहीं करेंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जो नेता बमों की गिनती कर रहा था, वह अब वकील तलाश रहा है। क्या यही जिम्मेदार विपक्ष का चेहरा है?”
कांग्रेस का पलटवार – “राजनीतिक प्रतिशोध”
पंजाब कांग्रेस ने बाजवा के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। पार्टी ने इसे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार देते हुए मंगलवार को चंडीगढ़ सहित पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बाजवा ने जो जानकारी दी, वह सुरक्षा एजेंसियों से मिली रिपोर्ट्स पर आधारित थी, और उनका इरादा किसी को डराना नहीं था, बल्कि जनता को सच बताना था। अब सरकार इसे मुद्दा बनाकर विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है।