
भारत में आगामी जनगणना 2026 की तैयारियों का पहला चरण शुरू हो गया है और इसके तहत पंजाब में नगरपालिका और वार्ड सीमाओं का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार यह कार्य 31 दिसंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा ताकि 1 अप्रैल 2026 से मकानों की गिनती का कार्य सुचारू रूप से शुरू हो सके।
पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग ने राज्य के 166 नगर निकायों में से अब तक 113 निकायों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर लिया है। शेष 55 निकायों का काम तेजी से प्रगति पर है और इसे जल्द ही पूरा करने की योजना है। यह पहला मौका होगा जब भारत में डिजिटल जनगणना की जाएगी, जिसके लिए वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किए जा रहे हैं।
डिजिटल जनगणना की दिशा में पहला कदम: सटीक सीमांकन
किसी भी जनगणना की सफलता उसके आधारभूत ढांचे पर निर्भर करती है। इसलिए इस बार सरकार का पहला फोकस नगरपालिका और वार्ड की सीमाओं को सटीक रूप से डिजिटल रूप में दर्ज करना है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि किसी भी क्षेत्र की जनसंख्या, मकानों की संख्या और अन्य सामाजिक-आर्थिक सूचनाओं का आंकलन सही ढंग से और बिना दोहराव के किया जा सके।
स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पहले से उपलब्ध सीमांकन डेटा को पुनः सत्यापित किया जा रहा है ताकि पिछले चुनावों के दौरान हुए वार्ड पुनर्संरचना को भी रिकॉर्ड में शामिल किया जा सके।
जियोरेफरेंसिंग तकनीक से रिकॉर्ड तैयार
सरकार इस बार आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रही है। सभी नगरपालिका सीमाओं और वार्डों का डेटा जियोरेफरेंसिंग तकनीक की मदद से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है। जियोरेफरेंसिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें किसी स्थान की सटीक स्थिति को भौगोलिक निर्देशांक (Latitude-Longitude) के साथ डिजिटल मानचित्र पर जोड़ा जाता है।
इस तकनीक से रिकॉर्ड तैयार करने का सीधा लाभ यह होगा कि भविष्य में राज्य सरकार और अन्य एजेंसियां शहरी योजना, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, और आपातकालीन सेवाओं में भी इस डेटा का प्रभावी उपयोग कर सकेंगी।
नगर निकायों में सर्वे टीमों की नियुक्ति
स्थानीय निकाय विभाग ने सभी नगर निकायों में सर्वे टीमों का गठन कर दिया है। इन टीमों को यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नगरपालिका व वार्ड सीमाओं का डेटा एकत्र करें और डिजिटल स्वरूप में विभाग को भेजें। कई क्षेत्रों में पहले से मौजूद रिकॉर्ड को पुनः जांचा जा रहा है ताकि चुनावों के दौरान हुए किसी भी बदलाव को ध्यान में रखा जा सके। विशेष ध्यान उन 49 नगर निकायों पर दिया जा रहा है जहां 21 दिसंबर 2024 को चुनाव हुए थे। चूंकि चुनावों से पहले सीमाओं में परिवर्तन किए गए थे, इसलिए उन क्षेत्रों में दोबारा सर्वे करके सटीकता सुनिश्चित की जा रही है।
कंट्रोल रूम से हो रही निगरानी
स्थानीय निकाय विभाग ने इस पूरे कार्य की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की है, जहां से सर्वेक्षण, डेटा अपलोडिंग और डिजिटल रिकॉर्डिंग के प्रत्येक चरण पर नजर रखी जा रही है। यह कंट्रोल रूम विभागीय अधिकारियों और फील्ड वर्करों के बीच समन्वय बनाए रखने का भी कार्य करेगा। सभी निकायों से आने वाले डेटा को एक केंद्रीकृत सिस्टम में फीड किया जा रहा है ताकि समयसीमा के भीतर सभी रिकॉर्ड अपटूडेट हो सकें।
जनगणना 2026 की रूपरेखा: दो चरणों में होगा कार्य
पहला चरण (1 अप्रैल 2026 से शुरू): मकानों की गिनती (Housing Listing)। इस चरण में मकानों की संख्या, प्रकार, जल, बिजली, शौचालय, इंटरनेट जैसी सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी। दूसरा चरण (1 फरवरी 2027 से शुरू): जनसंख्या गणना। इस चरण में हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय जानकारी जैसे नाम, उम्र, लिंग, धर्म, शिक्षा, विवाहिक स्थिति आदि एकत्र की जाएगी। इन दोनों चरणों में कार्य करने के लिए देशभर से लगभग 34 लाख कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। यह इतिहास की सबसे बड़ी प्रशासनिक कवायदों में से एक मानी जा रही है।
वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप से डिजिटल प्रक्रिया
डिजिटल जनगणना को सफल बनाने के लिए सरकार एक विशेष वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी। फील्ड कर्मचारी इन्हीं डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर डेटा एंट्री करेंगे। इससे जनगणना प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, तेज और सटीक हो सकेगी।
इस प्रणाली से न केवल डेटा एकत्रण में तेजी आएगी, बल्कि रिपोर्टिंग, विश्लेषण और उपयोग में भी आसानी होगी। इसके साथ ही यह प्रक्रिया कागज रहित (Paperless) होगी, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पिछली जनगणना की झलक
भारत में पिछली जनगणना वर्ष 2011 में की गई थी। उस समय पंजाब की कुल जनसंख्या 2,77,43,338 थी, जिसमें पुरुष: 1,46,39,465 और महिलाएं: 1,31,03,873
पंजाब जनसंख्या के आधार पर भारत में 15वें स्थान पर था। चूंकि 2021 की जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण टाल दी गई थी, इसलिए यह जनगणना विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।