
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के बीकानेर दौरे पर हैं, जहां से वे देश और दुनिया को यह स्पष्ट संदेश देंगे कि भारत अब आतंकवाद और सीमा पार आक्रामकता के खिलाफ केवल सहनशीलता का प्रतीक नहीं, बल्कि निर्णायक और ठोस प्रतिकार देने वाला राष्ट्र बन चुका है। जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ऐतिहासिक सफलता के बाद प्रधानमंत्री का यह दौरा सामरिक, कूटनीतिक और विकासात्मक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आतंक के खिलाफ निर्णायक रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा एक स्पष्ट और कड़ा संदेश लेकर आया है — भारत अब किसी भी उकसावे पर चुप बैठने वाला देश नहीं है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद का मुकाबला सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से करता है। यह अभियान केवल सैन्य जीत नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक इच्छाशक्ति और साहस का परिचायक बन गया है।
प्रधानमंत्री ने बीकानेर से पाकिस्तान और वैश्विक समुदाय को यह सन्देश देने का मंच चुना है कि भारत की सहनशीलता को उसकी कमजोरी समझना अब किसी के लिए भी भूल होगी। यह यात्रा राष्ट्रीय आत्मविश्वास, सैन्य शक्ति और कूटनीतिक मज़बूती का प्रतीक बनकर सामने आ रही है।
करणी माता मंदिर से आध्यात्मिक और राष्ट्रीय एकता का संदेश
अपने दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने बीकानेर जिले के प्रसिद्ध देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में दर्शन से की। यह वही स्थल है जिसे हाल ही में पाकिस्तान ने टारगेट करने का प्रयास किया था, लेकिन स्थानीय जनमान्यता के अनुसार, मां करणी की कृपा से दुश्मन की मिसाइलें निष्प्रभावी रही। यहां से प्रधानमंत्री ने एक ऐसा संदेश दिया जो आध्यात्मिक विश्वास और राष्ट्रभक्ति को जोड़ता है—धर्म और देश की रक्षा एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।
बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया और बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह न सिर्फ एक नई ट्रेन सेवा की शुरुआत है, बल्कि राजस्थान के विकास को राष्ट्रीय विकास यात्रा में और गहराई से जोड़ने का प्रतीक भी है। इसके साथ ही उन्होंने राजगढ़ और फतेहपुर शेखावाटी रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन किया।
रेल मार्ग के विद्युतीकरण और दोहरीकरण से जुड़े कार्यों का शिलान्यास भी किया गया, जिससे राज्य के रेल नेटवर्क को पर्यावरणीय दृष्टि से अधिक टिकाऊ और आधुनिक बनाया जा सकेगा।
सीमा पर तैनात जवानों को सलामी
राजस्थान की 1070 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है, जहां हर दिन हजारों सैनिक देश की रक्षा में जुटे रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन वीर जवानों को राष्ट्र की ओर से धन्यवाद और सम्मान प्रकट किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और देश का हर नागरिक सरकार की सुरक्षा नीति पर विश्वास कर सकता है।
26,000 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरे में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें शामिल हैं:
- बिजली परियोजनाएं: बीकानेर और उदयपुर की विद्युत उत्पादन और आपूर्ति परियोजनाएं।
- स्वास्थ्य क्षेत्र: राजसमंद, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा और धौलपुर में आधुनिक नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना।
- जल संसाधन: झुंझुनूं जिले में ग्रामीण जल आपूर्ति परियोजना और फ्लोरोसिस नियंत्रण, तथा पाली जिले के सात शहरों में शहरी जल आपूर्ति योजनाओं का पुनर्गठन।
इन योजनाओं से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री न केवल सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि राज्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने में भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
तनोट माता मंदिर और सामरिक आस्था
जैसलमेर में स्थित तनोट माता मंदिर, जिसे 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान चमत्कारी सुरक्षा का केंद्र माना गया था, आज भी राजस्थान की सामरिक आस्था का प्रतीक है। प्रधानमंत्री का दौरा इस भावना को और मजबूत करता है कि धार्मिक आस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा एक दूसरे के पूरक बनकर उभर सकते हैं।
दोपहर 12 बजे की जनसभा: देश को संबोधन
बीकानेर में दोपहर 12 बजे आयोजित एक विशाल जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “भारत अब चुप रहने वाला देश नहीं, बल्कि जवाब देने वाला राष्ट्र बन चुका है। पाकिस्तान को अब समझ लेना चाहिए कि हरकतों का जवाब सौ गुना ताकत से मिलेगा।” यह बयान देशवासियों में उत्साह भरने वाला था और वैश्विक मंच पर भारत की दृढ़ता को रेखांकित करने वाला।