
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गढ़ीकैंट स्थित दून सैनिक इंस्टीट्यूट में आयोजित ‘एक संवाद: वीर सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह आयोजन हाल ही में संपन्न हुए ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता और उसमें भारतीय सेनाओं की भूमिका को सम्मान देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनः प्रशिक्षण के लिए एक विशेष केंद्र खोलने की घोषणा की और कहा कि इसके लिए सैनिक कल्याण विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह केंद्र राज्य के वीर निवृत्त सैनिकों को नए कौशल प्रदान कर उन्हें समाज और सेवा के अन्य क्षेत्रों में फिर से सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर देगा।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने देश और दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। इस कायरतापूर्ण हमले के जवाब में भारत की सेनाओं ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक जबरदस्त जवाबी कार्रवाई करते हुए 9 बड़े आतंकी अड्डों को तबाह किया और 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन एक स्पष्ट संदेश था — भारत की बेटियों के सिंदूर की ओर आंख उठाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। यह सैन्य कार्रवाई हमारे जवानों के अदम्य शौर्य, असीम बलिदान और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण की मिसाल है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा
सीएम धामी ने कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ न सिर्फ कड़ा रुख अपनाया है, बल्कि सेना को अत्याधुनिक तकनीक, अत्याधुनिक हथियारों और रणनीतिक बढ़त से भी लैस किया है।
उन्होंने कहा, “अब भारत की सेना दुश्मन की गोली का जवाब गोलों से देती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लिए गए फैसले दुश्मनों की रीढ़ तोड़ने का काम कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता को रद्द कर दिया और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रास्ते बंद कर दिए गए। उन्होंने दोहराया कि “ट्रेड और टेरर एक साथ नहीं चल सकते।”
सेना और पूर्व सैनिकों के लिए राज्य सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने एक के बाद एक कई योजनाओं और निर्णयों की जानकारी दी, शहीदों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दी गई है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त और वार्षिकी राशि में बढ़ोतरी की गई है।शहीद परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित किया जाएगा। आवेदन की अवधि को 2 से बढ़ाकर 5 वर्ष किया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सेवारत व पूर्व सैनिकों को राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है। ₹25 लाख मूल्य तक की संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25% की छूट सैनिकों को दी जा रही है। देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो प्रदेश के शहीदों की स्मृति को सम्मान देगा।
पूर्व सैनिकों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, सचिव दीपेन्द्र चौधरी, स्टेशन कमांडर आर.एस. थापा, निदेशक ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृत लाल, उपनल एमडी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. बिष्ट, और पूर्व सैनिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। ले. जनरल ए.के. सिंह, रियर एडमिरल ओ.पी.एस. राणा, एअर मार्शल डी.एस. रावत, ले. जनरल टी.पी.एस. रावत, रियर एडमिरल अनुराग थपलियाल, मेजर जनरल ओ.पी. सोनी, मेजर जनरल डी. अग्निहोत्री, मेजर जनरल पी.एस. राणा, मेजर जनरल नीरज वर्मा, मेजर जनरल आनंद सिंह रावत, मेजर जनरल एम.एस. असवाल, मेजर जनरल के.डी. सिंह, ब्रिगेडियर के.जी. बहल
इन सभी ने सैनिकों की वीरता और देश के लिए उनके योगदान को नमन किया।