
पंजाब के पांच नगर निगम और 44 नगर परिषदों के चुनावों के लिए राज्य चुनाव आयोग ने आगामी शेड्यूल जारी कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही चुनावी प्रक्रिया का आधिकारिक रूप से शुभारंभ हो गया है और राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव 21 दिसंबर को होंगे, और इस बार वोटिंग का समय भी एक घंटे बढ़ा दिया गया है। सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा।
चुनावों की तैयारियों के बीच राज्य चुनाव आयोग ने महत्वपूर्ण तिथियों का भी ऐलान किया है। इसके तहत सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, और उम्मीदवार 12 दिसंबर तक अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन वापस लेने की आखिरी तिथि 14 दिसंबर निर्धारित की गई है। इस बार नगर निकाय चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग किया जाएगा।
चुनावी शेड्यूल और प्रक्रिया
- नामांकन प्रक्रिया: नामांकन सोमवार, 9 दिसंबर से शुरू होंगे और 12 दिसंबर तक उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे।
- नामांकन वापस लेने की तिथि: 14 दिसंबर तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा।
- मतदान की तिथि: चुनाव 21 दिसंबर को होंगे। मतदान का समय पहले से एक घंटा बढ़ाकर सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक कर दिया गया है।
- मतदान पद्धति: इस बार नगर निगम और नगर परिषदों के चुनावों में EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग किया जाएगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया और भी पारदर्शी और सटीक होगी।
आचार संहिता लागू
जैसे ही चुनावी तारीख की घोषणा हुई राज्य चुनाव आयोग ने साथ ही आचार संहिता भी लागू कर दी है। आचार संहिता के तहत चुनाव क्षेत्र में किसी भी प्रकार की चुनावी प्रचार-प्रसार, सरकारी अधिकारियों के कार्यों में हस्तक्षेप और अन्य चुनावी गतिविधियां प्रतिबंधित कर दी जाएंगी। इस दौरान किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को सरकारी खजाने का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा। आचार संहिता लागू होने के बाद अब सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी नियमों का पालन करना होगा। इसके तहत चुनाव के दौरान किसी भी तरह के मतदाताओं को प्रलोभन देना, गलत प्रचार करना या आचार संहिता का उल्लंघन करना अवैध माना जाएगा।
पंजाब सरकार और चुनाव आयोग के बीच विवाद
पंजाब के नगर निगम और नगर परिषदों के चुनावों का मामला पहले उच्चतम न्यायालय और पंजाब हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका था। राज्य चुनाव आयोग ने चुनावों की अधिसूचना समय पर जारी नहीं की थी जिसके बाद पंजाब हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग और पंजाब सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया था। इसके बाद सरकार ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कोई राहत नहीं दी और आदेश दिया कि चुनावों की अधिसूचना दो सप्ताह के अंदर जारी की जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावों के शेड्यूल को तुरंत लागू किया जाए ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कोई विघ्न न आए। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने 21 दिसंबर को मतदान की तिथि घोषित की और चुनावी शेड्यूल जारी किया।