
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास को लेकर सरकार की रणनीति पेश की और मुआवजा राशि में बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया। वहीं, विपक्षी दलों के सवालों और भाजपा की “जनता की विधानसभा” के आयोजन को लेकर सदन में खूब हंगामा भी हुआ। केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए सीएम मान ने कहा कि पंजाब को “अघोषित यूटी” बना दिया गया है।
बाढ़ के बाद राहत और पुनर्वास पर फोकस
सीएम मान ने कहा कि अब जबकि बाढ़ का पानी उतर चुका है, पुनर्वास का समय आ चुका है। उन्होंने घोषणा की कि फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की दरें बढ़ाई जा रही हैं: 26% से 33% नुकसान पर अब ₹10,000 प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा। 33% से 75% नुकसान की स्थिति में पहले ₹6,800 प्रति एकड़ मिलता था, जिसे अब ₹10,000 प्रति एकड़ कर दिया गया है। 75% से 100% नुकसान पर मुआवजा ₹20,000 प्रति एकड़ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार इन राहत पैकेजों में राज्य का हिस्सा बढ़ा रही है ताकि किसान को समय पर और पर्याप्त सहायता मिल सके।
एसडीआरएफ संशोधन के लिए गृह मंत्री से मुलाकात की तैयारी
सीएम भगवंत मान ने बताया कि वे मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे, ताकि SDRF (राज्य आपदा राहत निधि) में संशोधन करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था बाढ़ जैसी आपदाओं में राहत देने के लिए अपर्याप्त है और इसमें बदलाव की जरूरत है। 13 सितंबर से स्पेशल गिरदावरी (फसल नुकसान का सर्वे) शुरू कर दी गई है। 15 सितंबर से मवेशियों का नुकसान आंकने का कार्य चल रहा है। 15 अक्टूबर से किसानों को चेक सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बाढ़ से भारी नुकसान – आंकड़ों में त्रासदी
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार की बाढ़ से 47,500 हेक्टेयर जमीन पानी में समा गई, जिसके लिए ₹18,800 प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी मदद ली जाएगी।
सीएम मान ने यह भी ऐलान किया कि मौसम की सटीक जानकारी के लिए अब पंजाब को IMD (भारतीय मौसम विभाग) पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। ITI बेंगलुरु और थापर यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान अपना सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहे हैं, जिनकी मदद ली जाएगी।
केंद्र पर बरसे सीएम – “पंजाब को अघोषित यूटी बना दिया”
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा, “हमने केंद्र से ₹50,000 प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की थी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम पैसा सीधे किसानों के खाते में डाल देंगे, लेकिन अब वह भी मुकर गए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य को “यूनियन टेरिटरी” जैसा बना दिया गया है। “एक तरह से राष्ट्रपति शासन लगा रखा है। ₹1600 करोड़ की घोषणा की और सिर्फ ₹241 करोड़ भेजे।” मान ने कहा कि राज्यपाल तो मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक समय नहीं दिया गया। यह केंद्र की पंजाब के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है।
भाजपा की “जनता की विधानसभा” पर तीखा हमला
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को सेक्टर-37 स्थित कार्यालय के पास “जनता की विधानसभा” आयोजित की, जिस पर मुख्यमंत्री ने तीखा तंज कसते हुए कहा: “भाजपा ने नकली विधानसभा बना ली है, नकली मंत्रिमंडल बना रखा है। इन्हें इस विधानसभा में आने से डर लगता है। 2029 में शायद भाजपा को नई संसद भी लगानी पड़े।”
मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि भाजपा अगर ऐसी “जनता की विधानसभा” चला रही है, तो यह संविधान और लोकतंत्र का अपमान है।“पहले वे इस अवैध विधानसभा के लिए इस्तीफा दें। केंद्र को ऐसे नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए।”
सदन में हंगामा – कांग्रेस और AAP आमने-सामने
सत्र के दौरान शक्की नाले की सफाई, बाढ़ नियंत्रण, खनन, और SDRF के फंड के उपयोग जैसे मुद्दों पर तीखा वाद-विवाद हुआ। AAP विधायक गुरदीप सिंह रंधावा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार के दौरान शक्की नाले की सफाई नहीं हुई।
कांग्रेस विधायक अरुणा चौधरी ने पलटवार करते हुए हाउस कमेटी से जांच की मांग कर दी, जिससे सदन में शोरगुल मच गया।
बाजवा बनाम सरकार – जमीन से लेकर एक्साइज तक आरोप-प्रत्यारोप
कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने कांग्रेस नेता प्रताप बाजवा पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर धुस्सी बांध के भीतर जमीन खरीदी, ताकि खनन से लाभ हो सके।
बाजवा ने जवाब दिया कि उन्होंने जमीन खरीदी है, सरकार ने खुद रजिस्ट्री की और स्टांप ड्यूटी ली, अब उस पर आपत्ति क्यों? बाजवा ने AAP सरकार पर आरोप लगाया कि “12,000 करोड़ रुपये एक्साइज से गायब कर दिए गए हैं। हर डिस्टिलरी से करोड़ों की उगाही हो रही है।