राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता हासिल हुई है। एनआईए ने खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह उर्फ लंडा और गैंगस्टर बचितर सिंह उर्फ पवित्र बटाला के एक खास सहयोगी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान पंजाब के गुरदासपुर जिले के जतिंदर सिंह उर्फ ज्योति के रूप में हुई है, जो एक आतंकी और हथियार तस्कर है। एनआईए ने उसे मुंबई से गिरफ्तार किया है। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी जतिंदर सिंह लंडा और बटाला के गुर्गों को पंजाब में हथियार सप्लाई करता था।
हथियार तस्करी का बड़ा खुलासा
एनआईए द्वारा की गई जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि जतिंदर सिंह मध्य प्रदेश से हथियार लाकर पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों को मुहैया कराता था। विशेष रूप से, वर्ष 2023 में उसने मध्य प्रदेश से 10 पिस्टल खरीदी थीं, जिनकी सप्लाई उसने लंडा और बटाला के आतंकियों को की थी। इस समय से ही एनआईए उसकी तलाश में थी और उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी।
एनआईए ने बताया कि जतिंदर सिंह खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’ (बीकेआई) के साथ जुड़ा हुआ था, और वह विदेश में बैठकर भारत में आतंक फैलाने वाले लंडा का करीबी सहयोगी था। इसके अलावा, वह बटाला के आतंकी समूह का भी सहयोगी था। वह एक हथियार तस्कर के रूप में काम करता था और उसकी गतिविधियां पंजाब में आतंकवाद फैलाने के लिए अहम थीं।
जतिंदर सिंह की गिरफ्तारी
पंजाब के गुरदासपुर का निवासी जतिंदर सिंह उर्फ ज्योति जुलाई 2024 में हथियार सप्लायर बलजीत सिंह उर्फ राणा भाई की गिरफ्तारी के बाद से फरार था। एनआईए ने उसकी तलाश के लिए तकनीकी सर्विलांस और जमीनी प्रयासों को तेज़ किया और अंततः सोमवार को उसे मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, जतिंदर सिंह की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है, क्योंकि वह खालिस्तानी आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाई करने में मुख्य भूमिका निभाता था।
हथियारों की तस्करी और आतंकवादियों को मदद
जांच में यह सामने आया कि जतिंदर सिंह मध्य प्रदेश के रहने वाले राणा भाई से हथियार खरीदता था। राणा भाई को हाल ही में एक केस में आरोपी बनाया गया है, और वह अब एनआईए की जांच के दायरे में है। जतिंदर सिंह ने जो हथियार खरीदे थे, उनमें 10 पिस्टल शामिल थीं, जिन्हें उसने लंडा और बटाला के आतंकियों तक पहुंचाया था। वह आगे और हथियार लाने की योजना बना रहा था, लेकिन इससे पहले ही एनआईए को उसकी गतिविधियों का पता चल गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जतिंदर सिंह का पकड़ा जाना आतंकवादियों को हथियार मुहैया कराने के नेटवर्क को ध्वस्त करने में हमारी बड़ी सफलता है। यह कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित करती है कि खालिस्तानी आतंकवादियों के नेटवर्क को हर हाल में तोड़ा जाएगा।”
एनआईए की निरंतर जांच और भविष्य की कार्रवाई
एनआईए ने जतिंदर सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसकी और उसके नेटवर्क के अन्य सहयोगियों के खिलाफ जांच तेज़ कर दी है। एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, अब वे यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि जतिंदर सिंह के पास और कौन-कौन से हथियार तस्करी के रास्ते थे और उसने कौन से अन्य आतंकवादी नेटवर्क के साथ संबंध बनाए थे। इसके अलावा, एनआईए इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या वह अन्य राज्यों में भी हथियार तस्करी में शामिल था।
एनआईए ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी जांच इस बात को ध्यान में रखते हुए की जा रही है कि आतंकवाद और हथियारों की तस्करी की गतिविधियों को भारत में पूरी तरह से खत्म किया जा सके। अधिकारी ने बताया कि एनआईए को उम्मीद है कि जतिंदर सिंह की गिरफ्तारी से खालिस्तानी आतंकवादियों की आपूर्ति श्रृंखला को और भी नष्ट किया जा सकेगा, जिससे पंजाब और अन्य राज्यों में आतंकवाद के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और खालिस्तानी आतंकवाद
जतिंदर सिंह की गिरफ्तारी से यह भी खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ चल रही जंग अब केवल भारत तक सीमित नहीं रही। यह अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन के साथ एक जटिल समस्या बन गई है, जहां भारत में आतंक फैलाने के लिए विदेशों से भी सहायता मिल रही है। लंडा और बटाला जैसे आतंकियों का साथ देने वाले कई अन्य आतंकवादी समूहों से यह खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए हथियारों की तस्करी, वित्तीय सहायता और अन्य संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।