
पंजाब के औद्योगिक शहर लुधियाना में एक बार फिर दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। शेरपुर इलाके के एक सुनसान प्लॉट में पड़े नीले रंग के ड्रम से एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है। शव को प्लास्टिक के बोरे में लपेटा गया था और उसके पैर और गले में रस्सी बंधी हुई थी, जिससे हत्या की आशंका गहराती जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही थाना डिवीजन नंबर-6 की एसएचओ कुलवंत कौर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचीं और जांच शुरू की। शव को सिविल अस्पताल के मोर्चरी में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
इलाके में बदबू से हुआ खुलासा
स्थानीय निवासियों ने बताया कि पिछले दो दिनों से क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही थी। शुरुआत में लोगों ने इसे कचरे या किसी मृत जानवर की गंध समझा, लेकिन जब बदबू असहनीय हो गई तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब ड्रम को खोला तो उसमें एक पुरुष का शव मिला, जो बुरी तरह सड़ चुका था।
एसएचओ कुलवंत कौर के अनुसार, मृतक की उम्र लगभग 35 से 40 वर्ष के बीच हो सकती है और वह संभवतः प्रवासी है। “शव की हालत काफी खराब है और शरीर पर फिलहाल कोई चोट के स्पष्ट निशान नहीं हैं। रस्सियों के बांधने का तरीका और शव को ड्रम में भरने की शैली से यह साफ है कि हत्या सुनियोजित ढंग से की गई है,” उन्होंने बताया।
हत्या की साजिश में नए ड्रम का इस्तेमाल
पुलिस जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे यह पता चलता है कि ड्रम बिल्कुल नया था। लुधियाना में लगभग 42 ड्रम निर्माण कंपनियां हैं, जिनमें से कई से पुलिस ने संपर्क किया है। फिलहाल, ड्रम के निर्माण स्थल और उसकी बिक्री की जानकारी जुटाई जा रही है। माना जा रहा है कि ड्रम की खरीदारी हत्या से पहले की गई थी, जिससे योजना के तहत शव को छिपाया जा सके।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हत्यारे ने शव को न केवल प्लास्टिक में लपेटा, बल्कि उसे पूरी तरह सील करके ड्रम में रखा ताकि बदबू बाहर न आए। लेकिन गर्मी के कारण गंध फैल गई और मामला खुल गया।”
इलाके की 5 किमी रेडियस में जांच शुरू
हत्या की जांच के लिए पुलिस ने घटनास्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में CCTV कैमरों की छानबीन शुरू कर दी है। ‘सेफ सिटी’ प्रोजेक्ट के तहत लगे कैमरों के अलावा, पास के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और टोल प्लाजा के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।
शेरपुर इलाके से लाडोवाल टोल प्लाजा तक का रूट मैप ट्रैक किया जा रहा है, ताकि पता लगाया जा सके कि किस वाहन में ड्रम को यहां लाया गया था। कुछ संदिग्ध नंबरों वाले वाहनों को चिन्हित कर उनके मालिकों से पूछताछ की जा रही है।
ड्रम कंपनियों से संपर्क, फैक्ट्रियों के कैमरे भी खंगाले
एसएचओ कुलवंत कौर ने बताया कि पुलिस उन सभी ड्रम कंपनियों से संपर्क में है जो इस तरह के नीले ड्रम बनाती हैं। साथ ही, घटना स्थल के आस-पास मौजूद फैक्ट्रियों के CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। अब तक किसी भी कैमरे में कोई संदिग्ध गतिविधि कैद नहीं हुई है, जिससे पुलिस के सामने चुनौती और भी बढ़ गई है।
घटना स्थल के आस-पास प्रवासियों की मौजूदगी
घटनास्थल के नजदीक कई प्रवासी मजदूर रहते हैं, जो लुधियाना की औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत हैं। पुलिस इन प्रवासियों से भी पूछताछ कर रही है कि क्या उन्होंने किसी संदिग्ध गतिविधि को देखा या किसी को ड्रम लाते हुए देखा है। हालांकि, अब तक कोई प्रत्यक्षदर्शी सामने नहीं आया है।
पुलिस को आशंका है कि मृतक खुद भी प्रवासी हो सकता है, जिसे आपसी रंजिश या किसी अन्य कारण से मार दिया गया हो।
एक साल पहले सूटकेस में मिली थी लाश
शेरपुर इलाके में यह पहली बार नहीं है कि इस तरह से किसी शव की बरामदगी हुई है। पुलिस के अनुसार, इसी इलाके में करीब एक साल पहले रेलवे ट्रैक के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव सूटकेस में मिला था। उस केस में आरपीएफ ने गश्त के दौरान कटी हुई टांगें प्लास्टिक के लिफाफे में बरामद की थीं। बाद में पास ही एक सूटकेस से बाकी शरीर के हिस्से मिले थे, लेकिन वह केस अब तक अनसुलझा है।
अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या मौजूदा केस और पिछला केस आपस में जुड़े हुए हैं या फिर यह संयोग मात्र है।
शव की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी
मृतक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस ने शहर के थानों से गुमशुदगी की रिपोर्टें मंगवाई हैं, लेकिन फिलहाल किसी भी थाने में इस उम्र के व्यक्ति की लापता होने की शिकायत दर्ज नहीं हुई है। पुलिस ने मृतक की फोटो और अन्य विवरण के साथ आसपास के राज्यों की पुलिस को भी अलर्ट जारी किया है।