पंजाब में विधानसभा उपचुनाव के लिए इन दिनों जोर-शोर से प्रचार अभियान चल रहा है। इस बीच, पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिस पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। बयान में वडिंग ने अपनी पत्नी अमृता वडिंग के चुनाव प्रचार को लेकर कुछ ऐसे शब्द कहे, जो बीजेपी समेत विपक्षी दलों द्वारा महिला विरोधी माने जा रहे हैं। वडिंग के इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि यह सवाल भी उठाया है कि क्या कांग्रेस नेताओं को महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान की अधिक आवश्यकता है।
अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का बयान
राजा वडिंग का बयान एक चुनावी सभा के दौरान आया, जब वह अपनी पत्नी अमृता वडिंग के प्रचार में उनके अत्यधिक व्यस्त रहने का जिक्र कर रहे थे। वडिंग ने कहा, “आने वाले दिनों में शादी ब्याह शुरू हो जाएंगे। मैं उस दौरान इस बात की तलाश करूंगा कि आप मुझसे दो मिनट मुलाकात कर लें। मैं आपसे अपील करता हूं कि मेरी पत्नी को जिताकर मुझे मजबूत कर दो, ताकि मेरा मान-सम्मान तो करेगा। उसे लगे कि उसके पति ने उसे मेहनत करके जिताया है।”
उन्होंने आगे कहा कि उनकी पत्नी अमृता वडिंग सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक चुनाव प्रचार में व्यस्त रहती हैं, और इस कारण उन्हें रसोइए की आवश्यकता महसूस होती है ताकि घर के कामों में मदद मिल सके। वडिंग के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जहां लोग इसे महिलाओं के कामकाजी जीवन और उनके योगदान को कमतर दिखाने वाला मान रहे हैं।
बीजेपी ने राजा वडिंग पर उठाए सवाल
राजा वडिंग के बयान पर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बिट्टू ने कहा, “राजा वडिंग ने जो बयान दिया, वह महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है। उनका यह बयान समाज में महिलाओं के प्रति गलत धारणाएं और पूर्वाग्रह पैदा करता है।” उन्होंने आगे कहा कि वडिंग को अपनी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनके शब्दों से समाज में महिलाओं की भूमिका और उनकी मेहनत को नजरअंदाज किया गया है।
बीजेपी ने भी राजा वडिंग की टिप्पणियों को महिला विरोधी करार दिया और कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि वडिंग के बयान से साफ होता है कि वह महिलाओं के योगदान को लेकर नकारात्मक सोच रखते हैं और उनकी मेहनत को केवल पारंपरिक घरेलू कार्यों तक सीमित करना चाहते हैं। बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा, “यह टिप्पणी एक ऐसे समाज की ओर इशारा करती है, जहां महिलाओं को केवल घर की चार दीवारी तक ही सीमित समझा जाता है, जबकि आज महिलाएं हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।”
कांग्रेस का बचाव
राजा वडिंग की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि वडिंग का बयान संदर्भ से बाहर ले लिया गया है और इसे राजनीतिक मकसद से तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा, “राजा वडिंग ने अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार में योगदान को सराहा है और यह बयान किसी भी तरह से महिला विरोधी नहीं था। उनका उद्देश्य केवल यह था कि चुनावी प्रचार के दौरान अमृता वडिंग की कड़ी मेहनत को स्वीकार किया जाए।”
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह बयान एक व्यक्तिगत संवाद था और उसे राजनीतिक दृष्टिकोण से गलत तरीके से पेश किया गया। कांग्रेस के समर्थक इसे वडिंग की पारिवारिक स्थिति और उनकी पत्नी के प्रति सम्मान के रूप में देख रहे हैं, जबकि विपक्षी इसे महिला अधिकारों का उल्लंघन मान रहे हैं।
क्या था विवाद?
विवाद की जड़ में राजा वडिंग की यह टिप्पणी थी कि उनकी पत्नी चुनाव प्रचार के दौरान बहुत व्यस्त रहती हैं और इस कारण उन्हें घर के कामकाजी व्यवस्थाओं के लिए रसोइए की जरूरत पड़ती है। हालांकि इसका उद्देश्य यह था कि अमृता वडिंग के चुनावी व्यस्तता के कारण उन्हें घर के कार्यों में मदद की आवश्यकता है, लेकिन इस बयान ने इस धारणा को जन्म दिया कि महिलाओं को सिर्फ घरेलू कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है और उनके राजनीतिक योगदान को नजरअंदाज किया जाता है।
उपचुनाव की पृष्ठभूमि
बता दें कि अमृता वडिंग गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं और यह उपचुनाव पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव का हिस्सा है। पहले 13 नवंबर को होने वाले मतदान को अब 20 नवंबर तक के लिए टाल दिया गया है और 23 नवंबर को उपचुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। पंजाब में इस समय राजनीतिक माहौल गर्म है, और सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत लगाकर चुनावी प्रचार कर रही हैं।