केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए 380 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह राशि 15वें वित्त आयोग के तहत 250 करोड़ रुपये और नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत 130 करोड़ रुपये के रूप में जारी की गई है। यह कदम राज्य के अस्पतालों की स्थिति को बेहतर बनाने और शहरी क्षेत्रों में आम आदमी क्लीनिकों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई 250 करोड़ रुपये की ग्रांट का मुख्य उद्देश्य राज्य के अस्पतालों की हालत को सुधारना है। इस फंड का उपयोग अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद, और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, शहरी आम आदमी क्लीनिकों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भी इस राशि का उपयोग किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें।
पंजाब में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर लंबे समय से चिंता जताई जा रही है। राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में अत्यधिक भीड़ और अपर्याप्त सुविधाएं हैं, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस ग्रांट से अस्पतालों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रयासों को बल मिलेगा।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत 130 करोड़ रुपये की दूसरी ग्रांट
इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने पंजाब को नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत 130 करोड़ रुपये की दूसरी ग्रांट भी जारी की है। इस राशि को राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए उपयोग किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की प्रशिक्षण सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इससे पहले, पंजाब सरकार ने एनएचएम के फंडों की ऑडिट करवाकर केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ही केंद्र ने दूसरी किस्त के रूप में 130 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। इससे पहले, पिछले महीने केंद्र ने एनएचएम की पहली किस्त के तहत 123 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी, हालांकि यह राशि विवादों के चलते ढाई साल बाद पंजाब को मिली थी।
विवाद और ऑडिट प्रक्रिया
पंजाब को एनएचएम के फंड के वितरण में कई महीनों तक विवाद का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण राज्य को पहली किस्त समय पर नहीं मिल पाई थी। केंद्र सरकार ने फंड के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार से इन फंडों की ऑडिट करने को कहा था। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही राज्य को फंड जारी किया गया। पहली किस्त के बाद अब राज्य को दूसरी किस्त के रूप में 130 करोड़ रुपये की राशि मिली है, जो राज्य के स्वास्थ्य ढांचे के सुधार में अहम भूमिका निभा सकती है।
राज्य सरकार का स्वागत
पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई इस वित्तीय सहायता का स्वागत किया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने इसे एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि इस राशि का उपयोग राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में केंद्र के सहयोग से और अधिक सुधार करने की दिशा में प्रतिबद्ध है।
राज्य के स्वास्थ्य सेक्टर में सुधार की उम्मीद
पंजाब में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति में सुधार की काफी आवश्यकता थी, और केंद्र सरकार द्वारा दी गई यह ग्रांट राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य के अस्पतालों में अत्यधिक मरीजों की भीड़ और कम सुविधाएं एक बड़ी समस्या रही हैं। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाने की भी जरूरत थी, जिससे लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।
राज्य सरकार ने इस राशि का उपयोग अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने, मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद, और चिकित्सा कर्मचारियों की प्रशिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार का लक्ष्य है कि एनएचएम के तहत उपलब्ध फंड्स का सही उपयोग कर स्वास्थ्य सेवाओं को हर नागरिक तक पहुंचाया जाए।