
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा पर तीखा हमला किया। सीएम मान ने बाजवा पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बयान पूरी तरह से निराधार और भ्रामक हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब बाजवा ने धान की एक खास किस्म, पीआर-126, को लेकर सरकार की आलोचना की।
बाजवा का आरोप: धान की किस्मों को नहीं मिल रहा समर्थन
कांग्रेस नेता प्रताप बाजवा ने एक बयान में आरोप लगाया कि राज्य के चावल मिलों ने पीआर-126 और अन्य संकर किस्मों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, जिसके कारण अनाज बाजारों में संकट गहराता जा रहा है। उन्होंने कहा कि धान खरीद सीजन के दौरान किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वे मंडियों में कई दिनों तक फंसे रहते हैं।
बाजवा ने यह भी कहा कि सरकार ने पीआर-126 किस्म को बढ़ावा देकर किसानों को धोखा दिया है। उनका कहना था कि बुआई के मौसम से पहले दिए गए आश्वासनों के बावजूद चावल मिल मालिकों ने उम्मीद के मुताबिक फसल की उठान नहीं की। इस स्थिति को देखते हुए बाजवा ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की चिंताओं को नजरअंदाज कर रही है।
सीएम मान का पलटवार: राजनीति को अलविदा कहें बाजवा
बाजवा के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रताप बाजवा राजनीति को अलविदा कह दें। उन्होंने कहा कि बाजवा लगातार झूठ बोल रहे हैं और केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए यह सब कर रहे हैं। मान ने कहा कि उनके दावे पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना और तर्कहीन हैं।
सीएम मान ने बताया कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने बार-बार यह पुष्टि की है कि पीआर-126 किस्म, लंबी अवधि की किस्म (पूसा 44) की तुलना में 20-25 प्रतिशत पानी की बचत करती है। इस किस्म में कम भूसा भार होता है, जिससे किसानों को प्रति एकड़ लगभग 5,000 रुपये की लागत कम आती है।
किसानों के हित में सरकार की योजनाएं
सीएम मान ने आगे कहा कि इन सभी फायदों की वजह से पीआर-126 किस्म ने पिछले पांच वर्षों में राज्य के किसानों के बीच लोकप्रियता हासिल की है। उन्होंने कहा कि बाजवा के दावों को खारिज करते हुए कहा कि मोहाली में हाल ही में आयोजित एक बैठक में चावल मिलर्स ने पीआर-126 की मिलिंग गुणवत्ता पर अपनी संतोषजनक राय व्यक्त की थी।
सीएम मान ने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार द्वारा धान खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए विस्तृत व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता केवल किसानों और आम जनता को गुमराह करने के लिए आधारहीन बयान दे रहे हैं।
कांग्रेस का विपक्षी हमला
बाजवा का यह आरोप तब आया है जब पंजाब में धान की खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और किसानों के बीच असंतोष का माहौल बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने यह मुद्दा उठाते हुए राज्य सरकार पर किसानों के अधिकारों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है। बाजवा के बयान ने किसानों की समस्याओं को और गहरा कर दिया है, जो पहले से ही मंडियों में अनसुलझी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।