
पंजाब के मोहाली जिले में पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के दो गुर्गों को एक एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार शाम को यह मुठभेड़ डेरा बस्सी के नजदीक जीरकपुर इलाके में उस वक्त हुई, जब दोनों अपराधी रंगदारी के लिए एक इमिग्रेशन फर्म पर फायरिंग की योजना बना रहे थे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण एक गंभीर वारदात को समय रहते टाल दिया गया।
स्कूटर सवार बदमाशों से पुलिस की आमने-सामने मुठभेड़
पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि दो संदिग्ध युवक स्कूटर पर सवार होकर डेरा बस्सी इलाके में एक इमिग्रेशन फर्म पर हमले की योजना बना रहे हैं। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जीरकपुर-डेरा बस्सी मार्ग पर नाकेबंदी की। जैसे ही स्कूटर पर सवार दोनों युवक वहां पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।
पुलिस को देखते ही बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए एक को घायल कर काबू कर लिया, जबकि दूसरा बदमाश भागने की कोशिश में पकड़ा गया।
गिरफ्तार अपराधी कौन हैं?
पकड़े गए अपराधियों की पहचान इस प्रकार हुई है:
- कार्तिक सिंह उर्फ रवि – अंबाला निवासी, जो इस समय डेरा बस्सी में रह रहा था।
- दीपक उर्फ दीपू – मूल रूप से हरियाणा के जगाधरी का रहने वाला है।
एनकाउंटर में कार्तिक को गोली लगी है और उसे मोहाली के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
32 बोर की पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद
पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से एक .32 बोर की अवैध पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस, और एक स्कूटर बरामद किया है, जिससे यह साफ होता है कि ये युवक किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने जा रहे थे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, “यह स्पष्ट है कि बदमाश किसी पेशेवर गैंग से जुड़े हुए हैं और उन्होंने पूरी तैयारी के साथ फायरिंग की योजना बनाई थी।”
इमिग्रेशन फर्म पर पहले भी हो चुके हैं हमले
यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस इमिग्रेशन फर्म को निशाना बनाया गया हो। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार:
- सितंबर 2024 में इस फर्म पर फायरिंग कर धमकाने की घटना दर्ज की गई थी।
- अप्रैल 2025 में फर्म के दफ्तर के बाहर 50 लाख की फिरौती मांगने वाली पर्ची फेंकी गई थी।
इन दोनों मामलों में भी गोल्डी बराड़ गैंग के शामिल होने की आशंका जताई गई थी। अब पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद इन मामलों के तार भी साफ हो सकते हैं।
गोल्डी बराड़ गैंग की बढ़ती सक्रियता
गोल्डी बराड़, कनाडा में बैठा एक अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर है जो भारत में अपने गुर्गों के जरिए फिरौती, शूटआउट और धमकी जैसी घटनाओं को अंजाम देता है। पंजाब में पिछले कुछ वर्षों में हुई कई बड़ी अपराधिक घटनाओं में उसका नाम सामने आया है।
विशेषज्ञों की मानें तो वह डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के जरिए अपने गैंग को संचालित करता है और स्थानीय अपराधियों को भड़काकर रंगदारी वसूलने के लिए उकसाता है।
मुठभेड़ का पूरा घटनाक्रम
- शुक्रवार शाम पुलिस को मिली खुफिया सूचना
- जीरकपुर में नाकेबंदी और चेकिंग शुरू की गई
- स्कूटर पर आए दो युवक — रोकने पर फायरिंग शुरू
- पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की — एक बदमाश घायल
- दोनों को काबू कर लिया गया — पिस्तौल और कारतूस बरामद
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि मुठभेड़ न होती तो ये युवक इमिग्रेशन फर्म पर फायरिंग कर सकते थे, जिससे जान-माल का गंभीर खतरा हो सकता था।
पूछताछ में खुल सकते हैं कई राज
फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस बात की जांच की जा रही है कि:
- ये दोनों किसके संपर्क में थे?
- क्या किसी स्थानीय नेटवर्क या सहयोगी से इन्हें मदद मिल रही थी?
- क्या इन्होंने अन्य वारदातों में भी भाग लिया है?
पुलिस का यह भी कहना है कि कार्तिक और दीपक को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा ताकि गोल्डी बराड़ नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके।
पंजाब पुलिस की रणनीति और अलर्ट
बीते कुछ समय से पंजाब में सक्रिय गैंगस्टर्स की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य पुलिस ने खास रणनीति अपनाई है।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष निगरानी,
- गैंगस्टरों के डिजिटल कम्युनिकेशन की ट्रैकिंग,
- और एनकाउंटर व गिरफ्तारी अभियान तेज कर दिए गए हैं।
मोहाली पुलिस ने हाल ही में एक विशेष गैंगस्टर मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है जो पूरे जिले में सक्रिय अपराधियों की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए है।