पंजाब के चंडीगढ़ में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रधान जोगिंदर सिंह उगारहा ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती है तो फिर से बड़ा संघर्ष करेंगे. बता दें कि पिछले पांच दिनों से किसान चंडीगढ़ में धरने पर बैठे हैं.
वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान से किसानों की लंबी बातचीत हुई थी. इस दौरान सीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि विशेषज्ञ से बात करने के बाद उनकी मांगों को लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति का मसौदा तैयार है लेकिन किसानों के साथ उचित विचार-विमर्श के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मसौदा 30 सितंबर तक किसानों के साथ साझा किया जाएगा और उनके सुझाव मांगे जाएंगे. मान ने कहा कि किसानों के सुझावों को नीति में शामिल किया जाएगा क्योंकि राज्य सरकार उत्पादकों पर कुछ भी थोपना नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कृषि को लाभदायक उद्यम बनाने के लिए उनसे परामर्श करने के लिए प्रतिबद्ध है. उग्राहन ने बैठक के बाद कहा कि उन्हें बताया गया कि नीति का 1,600 पन्नों का मसौदा 30 सितंबर तक उनके साथ साझा किया जाएगा. पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने पहले कहा था कि किसानों की अन्य मांगों में रसायन मुक्त फसलों को बढ़ावा देना, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देना और राज्य में ड्रग्स की समस्या पर अंकुश लगाना शामिल है.
बीकेयू प्रधान ने कहा कि 20 सितंबर तक इंतजार करेंगे, क्योंकि सरकार ने हमें भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि सरकार कैसी खेती नीति लेकर आती हैं. सरकार से बातचीत को लेकर संतुष्ट होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह तीन मुद्दों को लेकर चंडीगढ़ आए थे, जिसमें चंडीगढ़ में आकर प्रदर्शन करना , विधानसभा की ओर मार्च करना और तीसरा खेती नीति को लागू को करने को लेकर सरकार से बाते करना है और हमने तीनों पूरे कर लिए हैं. अब आगे की रणनीति, नीति लागू होने के बाद तय होगी.