पंजाब के फरीदकोट जिले में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है, और उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी गई है। लेकिन यहां के बहिबल कलां गांव में सरपंच और पंच पद के लिए किसी भी व्यक्ति ने नामांकन नहीं भरा है। इसके चलते 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव रद्द हो गए हैं।
गैंगस्टर सिम्मा बहिबल का खौफ
सूत्रों के अनुसार, बहिबल कलां में नामांकन न भरने के पीछे गैंगस्टर सिम्मा बहिबल का डर है। सिम्मा अपने पिता को गांव का सरपंच बनाना चाहता था, लेकिन पुलिस द्वारा उसके खिलाफ और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने के बाद से स्थिति बदल गई।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस अधीक्षक बलजीत सिंह भुल्लर ने इस मामले में कहा कि पुलिस का काम सुरक्षा प्रदान करना है और नामांकन भरने वाले स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि सिम्मा बहिबल द्वारा अपने पिता को सरपंच बनाने के लिए कुछ दिन पहले बैठक की गई थी, जिसमें पुलिस को गड़बड़ी की सूचना मिली थी।
बहिबल कलां की राजनीतिक स्थिति
सिम्मा बहिबल का परिवार और चुनाव की तैयारियां
सिम्मा बहिबल, जो ‘ए-कैटेगरी’ का गैंगस्टर है, पर फरीदकोट जिले समेत अन्य जिलों में गंभीर धाराओं के तहत 20 से अधिक मामले दर्ज हैं। वह वर्तमान में जमानत पर बाहर है और गांव में अपने पिता को सरपंच बनाने की कोशिश कर रहा था। सूत्रों के अनुसार, उसकी गतिविधियों के चलते कई दावेदार चुनावी मैदान से हट गए हैं।
गांव में दहशत का माहौल
गांव के लोग इस स्थिति पर चुप्पी साधे हुए हैं। स्थानीय निवासी इस मामले में बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। पुलिस द्वारा इस स्थिति को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी जा रही है, जिससे गांव में दहशत का माहौल और बढ़ गया है।
प्रशासन की भूमिका
सिविल प्रशासन की जांच
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बहिबल कलां में नामांकन न भरने के कारणों की जानकारी सिविल प्रशासन ही दे सकता है। लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
चुनाव प्रक्रिया पर असर
गांव में दहशत और गैंगस्टर की गतिविधियों के चलते चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ा है। इससे न केवल लोकतंत्र की छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सुरक्षा व्यवस्था में कहीं न कहीं खामी है।