पंजाब में स्वास्थ्य सेवाओं के एक अहम पहलू, ‘आम आदमी क्लीनिक’ का नाम अब बदलने वाला है। पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच कई महीने से चल रहे विवादों के बाद अब एक सहमति बनी है जिसके तहत राज्य के लगभग 390 आम आदमी क्लीनिक का नाम बदलकर “आयुष्मान आरोग्य केंद्र” रखा जाएगा। यह बदलाव इस समय स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, क्योंकि इन क्लीनिकों के नाम परिवर्तन के साथ-साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण बदलाव भी हो सकते हैं।
नाम बदलने की प्रक्रिया और इसके पीछे की वजह
आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने सत्ता में आते ही दिल्ली मॉडल की तर्ज पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आम आदमी क्लीनिक की शुरुआत की थी। इन क्लीनिकों के उद्घाटन से लेकर उनके प्रचार तक में मुख्यमंत्री भगवंत मान का चेहरा प्रमुखता से दिखाई देता था, लेकिन अब इन क्लीनिकों का नाम बदला जाएगा, और मुख्यमंत्री का चेहरा इनपर नजर नहीं आएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि राज्य के करीब 390 आम आदमी क्लीनिक को अब “आयुष्मान आरोग्य केंद्र” के नाम से जाना जाएगा। यह कदम उस लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के बीच नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के फंड को लेकर चल रहे विवाद का समाधान भी देखा जा सकता है। केंद्र सरकार ने एनएचएम के तहत पंजाब सरकार के 1200 करोड़ रुपये के फंड को रोका हुआ था, और इसे अब रिहाई मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
एनएचएम फंड को लेकर चल रहा विवाद
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा स्थापित की गई इन क्लीनिकों को लेकर केंद्र सरकार ने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने एनएचएम के फंड का दुरुपयोग किया। केंद्र ने यह भी दावा किया था कि पंजाब सरकार ने आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत खर्च होने वाले फंड को गलत तरीके से आम आदमी क्लीनिक खोलने पर खर्च किया। इस मुद्दे को लेकर दोनों सरकारों के बीच लंबे समय से खींचतान जारी थी, लेकिन अब इसका समाधान हो सकता है, जिससे इन क्लीनिकों के भविष्य में और भी महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने इस बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जो आम आदमी क्लीनिक राज्य सरकार ने अपनी ओर से या फिर लोगों के सहयोग से खोले थे, उनका नाम नहीं बदला जाएगा। यह स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि केवल वे क्लीनिकों का नाम बदला जाएगा, जिनका संचालन केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से हुआ है और जिनका नाम पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान के चेहरे के साथ प्रचारित किया गया था।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक पंजाब में 842 आम आदमी क्लीनिक खोले जा चुके हैं। इनमें से 530 गांवों में और 312 शहरी इलाकों में स्थित हैं। इन क्लीनिकों को राज्य सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के रूप में स्थापित किया था, जिनमें जरूरतमंदों को 80 प्रकार की दवाएं और 30 से अधिक प्रकार के टेस्ट मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं।
पंजाब सरकार की ‘आम आदमी क्लीनिक’ पहल
आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अपनी सरकार बनाने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक बड़ा कदम उठाया था। इसके तहत राज्य भर में आम आदमी क्लीनिक की स्थापना की गई, जो मुख्य रूप से गांवों और शहरी इलाकों में थे। इन क्लीनिकों का उद्देश्य था कि हर व्यक्ति को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं, ताकि राज्य में किसी भी वर्ग को चिकित्सा सुविधाओं के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने की आवश्यकता न पड़े।
यह पहल पंजाब सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान का चेहरा प्रमुखता से दिखाई दे रहा था। इन क्लीनिकों के माध्यम से सरकार ने लोगों को मुफ्त इलाज देने, दवाएं उपलब्ध कराने और कई प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं देने की व्यवस्था की थी।
नाम परिवर्तन से क्या बदल सकता है?
अब जब इन क्लीनिकों का नाम बदलकर “आयुष्मान आरोग्य केंद्र” रखा जा रहा है, तो यह सवाल उठता है कि इससे आम आदमी क्लीनिक की कार्यप्रणाली और उद्देश्य में कोई बदलाव आएगा या नहीं। हालांकि, पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और अन्य अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि इन क्लीनिकों के नाम के अलावा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा।
सिर्फ नाम परिवर्तन से यह आशा जताई जा रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मिलने वाली केंद्रीय सहायता में कोई रुकावट नहीं आएगी और इस पहल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ठीक से चलाया जा सकेगा। इससे राज्य को केंद्र से मिलने वाली वित्तीय सहायता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, जो लंबे समय से रुकी हुई थी।
केंद्र और राज्य के बीच बनी सहमति
केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच यह समझौता फिलहाल एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है क्योंकि इससे राज्य को लंबे समय से रुका हुआ फंड मिल सकता है। यह फंड स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा इस बदलाव से आम आदमी पार्टी की सरकार को अपनी योजनाओं का प्रचार करने में भी सहूलियत मिल सकती है, क्योंकि अब इन क्लीनिकों का नाम केंद्रीय योजनाओं के अनुरूप होगा।