
पंजाब सरकार ने 27 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण मंत्रिमंडल बैठक आयोजित की, जिसमें राज्य की नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दी गई। यह नीति विशेष रूप से राज्य के राजस्व में वृद्धि को लक्षित करती है। मंत्रिमंडल द्वारा निर्धारित किया गया है कि आगामी वित्तीय वर्ष में पंजाब सरकार 11,020 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाएगी। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बैठक के बाद इस नई नीति की विस्तार से जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने दी जानकारी
नई आबकारी नीति का उद्देश्य राज्य की शराब व्यापार व्यवस्था को बेहतर, पारदर्शी और अधिक सहभागी बनाना है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम इस वित्तीय वर्ष में 10,200 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रख रहे हैं, जबकि 2024-25 के लिए हमारा लक्ष्य 10,145 करोड़ रुपये था। 2025-26 के लिए हम 11,020 करोड़ रुपये का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्षों में पंजाब सरकार केवल 6,100 करोड़ रुपये का राजस्व शराब व्यापार से प्राप्त करती थी। लेकिन अब सरकार की योजना इस क्षेत्र में और अधिक सुधार करने की है, जिससे राजस्व में स्थिरता और वृद्धि हो सके।
कैसे बढ़ेगा राजस्व?
हरपाल सिंह चीमा ने यह भी स्पष्ट किया कि नई आबकारी नीति में राज्य के शराब कारोबार को संतुलित और पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए शराब के एल-2 और एल-14ए ठेकों का नया आवंटन ई-टेंडरिंग के माध्यम से किया जाएगा। इससे शराब के व्यापार में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और सरकार को उचित राजस्व प्राप्त होगा।
इसके अलावा, यह नीति पुराने ठेकों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी और न्यायसंगत होगी, जिससे राज्य में शराब कारोबार में सुधार और बढ़ोतरी की संभावना है। इस नई व्यवस्था के तहत व्यापारियों को अपनी बोली लगाने और अनुबंध जीतने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम हो जाएगी।
आबकारी विभाग को मजबूत किया जाएगा
हरपाल सिंह चीमा ने इस बैठक के दौरान यह भी बताया कि आबकारी विभाग में सुधार की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा, “आबकारी विभाग के विजिलेंस विंग को और मजबूत किया जाएगा। इसके तहत नए आबकारी पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे ताकि शराब के अवैध कारोबार को रोकने में मदद मिल सके। इस योजना के तहत एक विशेष कमेटी भी गठित की गई है।”
आबकारी पुलिस थानों के गठन से राज्य में शराब व्यापार के नियमों का पालन सुनिश्चित होगा और राज्य सरकार को इस क्षेत्र में होने वाली अवैध गतिविधियों से निपटने में मदद मिलेगी।
शराब पर गौ कल्याण कर में वृद्धि
इस नीति के तहत एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जो शराब के उपभोग पर गौ कल्याण उपकर की दर में वृद्धि से संबंधित है। हरपाल सिंह चीमा के अनुसार, “इस बार शराब पर गौ कल्याण उपकर 1 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 1.50 रुपये प्रति प्रूफ लीटर कर दिया गया है। इससे राज्य को अतिरिक्त 16 से 24 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है।”
गौ कल्याण उपकर की यह बढ़ोतरी सरकार के सामाजिक और धार्मिक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए की गई है। इसका उद्देश्य पंजाब में गायों की देखभाल और उनके संरक्षण के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करना है।