चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राज्य को आवश्यक फंड समय पर जारी नहीं कर रही है, जिससे कई राज्य योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। खासकर, नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम), पीएम श्री योजना, समग्र शिक्षा योजना, और रूरल डेवलपमेंट फंड जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत केंद्र से राशि जारी करने में देरी हो रही है। इसके अलावा, केंद्र ने अब तक इन योजनाओं के लिए राशि जारी करने के लिए राज्य सरकार से उपयोगिता प्रमाण पत्र भी मांगा है।
पंजाब सरकार अब इन फंड्स के जारी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, और इसके तहत उसने जरूरी ऑडिट प्रक्रिया पूरी कर ली है। ऑडिट रिपोर्ट को केंद्र सरकार के पास भेजने के बाद राज्य सरकार ने फंड्स की अगली किस्त जारी करने की मांग की है।
1. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) का मामला
पंजाब नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत लंबे समय से रुके फंड की रिलीज के लिए ऑडिट करवा चुकी है। राज्य ने पहली किस्त के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र भी केंद्र सरकार को भेज दिया है। केंद्र सरकार ने एनएचएम योजना के तहत पंजाब को पहली किस्त के तौर पर 123 करोड़ रुपये जारी किए थे, जो ढाई साल बाद जारी किए गए थे। इसका कारण यह था कि केंद्र सरकार का आरोप था कि पंजाब में इस फंड का दुरुपयोग किया गया था और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व में क्लीनिक खोले गए थे।
हालांकि, इस मुद्दे पर अब केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति बन गई है। राज्य सरकार ने तय किया है कि वह इस योजना में केंद्र की ब्रांडिंग करेगी, जिसके बाद रुकी हुई राशि जारी की गई। अब राज्य सरकार ने केंद्र से अगली किस्त जारी करने की मांग की है, ताकि योजना को जारी रखा जा सके।
पंजाब सरकार ने उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनके पास पहले से 91.89 लाख रुपये की राशि मौजूद थी, और केंद्र ने 123.13 करोड़ रुपये की राशि जारी की। इसके अतिरिक्त, राज्य ने अपनी तरफ से 450 करोड़ रुपये का शेयर जारी किया। कुल मिलाकर, राज्य के पास अब करीब 665 करोड़ रुपये का फंड था, जिसमें से 517 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस तरह, राज्य ने 77.98 प्रतिशत राशि खर्च की है, जो योजना के लिए निर्धारित अनिवार्य मानदंडों के तहत है। अब राज्य ने केंद्र को ऑडिट रिपोर्ट भेज दी है और 2024-25 के लिए स्टेट हेल्थ सोसाइटी को अगली किस्त जारी करने की मांग की है।
2. रूरल डेवलपमेंट फंड और अन्य योजनाओं के लिए फंड की मांग
पंजाब सरकार ने रूरल डेवलपमेंट फंड की राशि भी जारी न होने की बात उठाई है। राज्य ने केंद्र सरकार से इस फंड के तहत 8000 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की मांग की है। इस सिलसिले में मंडी बोर्ड ने केंद्र को ऑडिट रिपोर्ट भेजकर राशि जारी करने की अपील की है। इसके अलावा, राज्य ने स्पेशल असिस्टेंट योजना के तहत भी केंद्र से 300 करोड़ रुपये की राशि की मांग की है।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री योजना (PM SHRI) के तहत 126 करोड़ रुपये की राशि भी जारी करने की मांग की है। इस योजना के तहत पंजाब के 233 स्कूलों को चुना गया था, जिन्हें आधुनिक शिक्षा सुविधाओं से लैस किया जाना था। योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को फर्नीचर, आउटडोर खेल सामग्री, स्मार्ट कक्षाएं, और कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं प्रदान की जानी थीं। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक इस राशि को जारी नहीं किया है, जिस वजह से इस योजना के कार्यान्वयन में देरी हो रही है।
3. समग्र शिक्षा योजना की तीसरी ग्रांट की मांग
इसके अलावा, पंजाब सरकार ने समग्र शिक्षा योजना के तहत तीसरी ग्रांट की भी मांग की है। केंद्र सरकार पहले ही इस योजना के तहत 260 करोड़ रुपये की दो किस्तें जारी कर चुकी है, लेकिन अब राज्य सरकार को अगले चरण के लिए तीसरी ग्रांट की आवश्यकता है, ताकि शैक्षिक सुधारों को और तेज किया जा सके। इस योजना के अंतर्गत, पंजाब में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें स्कूलों की इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और शिक्षकों की ट्रेनिंग शामिल हैं।
4. केंद्र और राज्य सरकार के बीच जारी तनाव
पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र द्वारा लगातार फंड जारी करने में देरी की जा रही है, जिससे राज्य योजनाओं को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना कर रहा है। राज्य सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार पंजाब सरकार के साथ भेदभाव कर रही है और योजनाओं के लिए जरूरी फंड जारी नहीं कर रही है।
हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि फंड जारी करने से पहले राज्य सरकार से उपयोगिता प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की मांग की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि फंड का सही तरीके से उपयोग किया जा रहा है।
5. राज्य सरकार की स्थिति
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह केंद्र से मिली सारी प्रक्रियाओं का पालन कर रही है और सभी आवश्यक दस्तावेज और रिपोर्ट पहले ही केंद्र सरकार को भेज चुकी है। अब राज्य सरकार को उम्मीद है कि केंद्र से जल्द ही रुके हुए फंड जारी किए जाएंगे। राज्य सरकार का कहना है कि इन फंड्स के बिना राज्य की कई योजनाओं को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा, और इसका सीधा असर राज्य के विकास पर पड़ेगा।
पंजाब सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार को इन मुद्दों को शीघ्र सुलझाना चाहिए ताकि राज्य की विकास योजनाएं बिना किसी विघ्न के आगे बढ़ सकें। पंजाब सरकार की कोशिश है कि राज्य की शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए पर्याप्त फंड समय पर मिल सके, ताकि राज्य के लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।