
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा को लेकर चिंताएं गहराती जा रही हैं। इसी क्रम में पंजाब सरकार ने राज्य की सीमाओं को और अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में 5,500 नए होमगार्ड जवानों की भर्ती को मंजूरी दी गई। ये जवान राज्य के 7 सीमावर्ती जिलों में तैनात किए जाएंगे और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकवाद विरोधी निगरानी में सहायक बनेंगे।
मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट किया कि यह कदम बीएसएफ (BSF) की सुरक्षा व्यवस्था को समर्थन देने वाला है, जो राज्य के सीमावर्ती इलाकों की निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी कारणवश बीएसएफ से कोई चूक होती है, तो ये नए होमगार्ड जवान “दूसरी रक्षा पंक्ति” के रूप में सीमा सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे।
सुरक्षा में नई मजबूती: सीमाओं पर तैनात होंगे नए होमगार्ड
पंजाब की लगभग 553 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है, जिसमें गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारण और कपूरथला जैसे जिले शामिल हैं। ये इलाके हमेशा से आतंकियों की नजर में रहे हैं, और अतीत में कई बार घुसपैठ और आतंकवादी घटनाओं का सामना कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “हमारे जवान सीमाओं पर एक मजबूत सुरक्षा दीवार बनाकर राज्य को सुरक्षित रखने का कार्य करेंगे। यह केवल एक भर्ती नहीं है, बल्कि एक संदेश है कि पंजाब अब हर मोर्चे पर सतर्क और तैयार है।”
राज्य की सुरक्षा नीति को मिला नया आयाम
पंजाब सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को राज्य की व्यापक सुरक्षा नीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में गतिविधियों की निगरानी, आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ और ड्रोन जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए इस नई रणनीति को लागू किया जा रहा है।
यह पहल राज्य सरकार की सुरक्षा क्षमताओं को उस स्तर पर ले जाएगी जहां बीएसएफ की सहयोगी इकाई के रूप में होमगार्ड जवानों की तैनाती से रैपिड रिस्पांस और मल्टी-लेयर सिक्योरिटी सिस्टम स्थापित किया जा सकेगा।
सड़क और आपदा सुरक्षा बलों में भी होगी नई भर्ती
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि राज्य में 400 से अधिक अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की भी भर्ती की जाएगी। ये जवान सड़क सुरक्षा बल (SSF) और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) में तैनात किए जाएंगे। इन बलों का काम न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना होगा, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और आकस्मिक संकट की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना होगा।
मान ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल सीमाओं की रक्षा करना नहीं है, बल्कि राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा और विश्वास का माहौल देना है। चाहे सड़क पर हो या आपदा के दौरान, पंजाब सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी रहेगी।”
केंद्र सरकार से सहायता की मांग
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस सुरक्षा कवच को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार से भी सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अतिरिक्त संसाधनों और तकनीकी सहायता की आवश्यकता है, जिसके लिए वह केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे।
“पंजाब के पास साहस, क्षमता और जनशक्ति की कोई कमी नहीं है, लेकिन बेहतर प्रशिक्षण, उपकरण और तकनीकी मदद के लिए केंद्र से समर्थन लेना आवश्यक है।”
आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख
हाल के वर्षों में पंजाब ने आतंकवाद, मादक पदार्थ तस्करी और अवैध गतिविधियों की कई घटनाओं का सामना किया है। विशेष रूप से पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन के जरिए हथियार और नशीले पदार्थ भेजे जाने की घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती रही हैं।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री मान का यह निर्णय आतंकवाद के खिलाफ एक सशक्त और सुनियोजित जवाब माना जा रहा है। यह निर्णय केवल भर्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद से लड़ने के लिए व्यवस्थित और दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
5,500 होमगार्ड की भर्ती से पंजाब के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। सीमावर्ती जिलों के युवा जो देश सेवा की भावना रखते हैं, उन्हें इस योजना के माध्यम से राज्य की सुरक्षा में प्रत्यक्ष योगदान देने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही स्थानीय समुदायों के साथ सुरक्षा बलों का जुड़ाव भी बढ़ेगा, जिससे सुरक्षा और सामाजिक समरसता दोनों को बल मिलेगा।