
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बुजुर्गों के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा की है। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गुरुवार (3 अप्रैल) को इस योजना का खुलासा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत 50 वर्ष और उससे ऊपर की उम्र के लोग तीर्थ स्थलों की यात्रा करेंगे। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट रखा है, और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया इसी महीने से शुरू होगी। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि यात्रा मई महीने से शुरू होगी और यह यात्रा एयर कंडीशंड गाड़ियों में की जाएगी।
तीर्थ यात्रा योजना की विशेषताएँ
चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा, “आज कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि पंजाब में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत 50 साल से ऊपर के लोग तीर्थ स्थलों पर यात्रा कर सकेंगे। इस योजना के लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने पूरी योजना बनाई है और इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।”
मंत्री ने आगे बताया कि अप्रैल महीने में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और मई से यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों को एयर कंडीशंड गाड़ियों में यात्रा करवाई जाएगी, ताकि उन्हें एक आरामदायक यात्रा का अनुभव मिले। तीर्थ यात्रा के लिए जिन धार्मिक स्थलों को चुना जाएगा, उनकी सूची भी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।
यह योजना पंजाब के बुजुर्गों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हो सकती है, क्योंकि अब उन्हें अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में धार्मिक यात्रा का अवसर मिलेगा, जो उनकी आध्यात्मिक यात्रा को और समृद्ध करेगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से बुजुर्गों को मानसिक शांति मिलेगी और वे आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होंगे।
स्कूल मेंटरशिप कार्यक्रम का ऐलान
मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार के शिक्षा क्षेत्र में किए गए एक और अहम सुधार का भी ऐलान किया। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार अब स्कूल मेंटरशिप कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत तमाम आईएएस और आईपीएस अधिकारी स्कूलों को अडॉप्ट करेंगे और बच्चों के मार्गदर्शक के रूप में उनकी मदद करेंगे।
“हमने स्कूल मेंटरशिप कार्यक्रम को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी 80 स्कूलों को अडॉप्ट करेंगे। ये अधिकारी पांच सालों तक इन स्कूलों के साथ जुड़े रहेंगे और बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन देंगे। इस कार्यक्रम को स्कूल ऑफ एमिनेंस से शुरू किया जाएगा,” मंत्री चीमा ने कहा।
यह पहल बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी अक्सर बच्चों के विकास में रुकावट डालती है। इस कार्यक्रम के तहत अधिकारी बच्चों को उनके व्यक्तिगत और शैक्षिक विकास में मदद करेंगे, जो उनके भविष्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
पंजाब की मिनरल्स पॉलिसी में बदलाव
वित्त मंत्री ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब सरकार की नई माइनिंग और क्रशर पॉलिसी का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पंजाब मिनरल्स पॉलिसी में कई बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य सप्लाई बढ़ाना, अवैध माइनिंग को रोकना और माइनिंग की कीमतों को कम करना है।
“हमने पंजाब मिनरल्स पॉलिसी में बदलाव किए हैं। अब रॉयल्टी की दर बढ़ाई गई है। क्यूबिक फीट बजरी पर रॉयल्टी अब 3.20 रुपये होगी, जबकि क्यूबिक फीट रेत पर यह 1.75 रुपये होगी। पहले यह दर केवल 73 पैसे थी,” चीमा ने कहा।
इस बदलाव के कारण सरकार की आय में वृद्धि होने की संभावना है, और इसके साथ ही अवैध माइनिंग पर भी लगाम लगेगी। मंत्री ने यह भी कहा कि यह कदम आम जनता को सस्ती दरों पर बजरी और रेत उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। साथ ही, यह बदलाव उद्योगों को एक पारदर्शी और जिम्मेदार तरीके से माइनिंग करने के लिए प्रेरित करेगा।