
पंजाब की प्रसिद्ध कला ‘फुलकारी’ को सहेजने और विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण पहल की है। ‘मिशन फुलकारी’ नामक इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है, बल्कि कारीगरों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कार्यरत है।
‘मिशन फुलकारी’ का उद्देश्य और पहल
मुख्यमंत्री मान के अनुसार, ‘मिशन फुलकारी’ पंजाब के ग्रामीण हस्तशिल्प उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन के तहत, राज्यभर में 125 महिला कारीगरों को प्रशिक्षण देने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT), दिल्ली के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया गया है।
इस पहल के अंतर्गत, फुलकारी के कारीगरों को नई शिल्प तकनीकों, डिज़ाइन विकास, और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने उत्पादों की बिक्री करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह न केवल उनके कौशल को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें एक व्यापक बाजार तक पहुँचने का अवसर भी देगा।
कारीगरों की जीवनशैली में बदलाव
‘फुलकारी’ सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि पंजाब की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का बड़ा साधन है। यह कला गांवों में कई महिलाओं के लिए रोजगार का प्रमुख स्रोत बन चुकी है। मुख्यमंत्री मान ने इस मिशन का दायरा बढ़ाने का संकेत दिया है, ताकि विभिन्न कारीगरों को भी इस पहल में शामिल किया जा सके।
महिलाओं को इस परियोजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण से उन्हें नए डिजाइन और उत्पाद तैयार करने की क्षमता प्राप्त होगी, जो उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मांग को पूरा करना
पंजाब में फुलकारी की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने कारीगरों को नए उत्पादों और डिज़ाइन विकसित करने की ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है। यह न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पंजाब की फुलकारी की मांग को पूरा करने में सहायक होगा।
करीब आने वाले समय में, कारीगरों के उत्पाद पंजाब और दिल्ली के फुलकारी स्टोर्स पर उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, विदेशों में रहने वाले पंजाबी भी अपनी शादियों के लिए फुलकारी के उत्पादों का ऑर्डर दे रहे हैं, जिससे कारीगरों को नया आयाम मिलेगा।
मार्कफेड की भूमिका
पंजाब सरकार ने मार्कफेड को फुलकारी उत्पादों की मार्केटिंग का जिम्मा सौंपा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कारीगरों को उनके उत्पादों के लिए उचित पारिश्रमिक मिले, मार्कफेड इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे कारीगरों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे अपने काम को और अधिक प्रभावशाली ढंग से कर सकेंगे।
सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
‘मिशन फुलकारी’ न केवल आर्थिक पहल है, बल्कि यह पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में भी सहायक साबित हो रहा है। फुलकारी, जो कि एक पारंपरिक कढ़ाई की तकनीक है, की खूबसूरती और उसकी गहराई को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
इस मिशन के माध्यम से सरकार ने न केवल इस कला को सहेजने की कोशिश की है, बल्कि इसे नए आयामों में भी स्थापित करने का प्रयास किया है। इससे न केवल कारीगरों का कल्याण होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए इस समृद्ध विरासत को संरक्षित करने का भी मार्ग प्रशस्त होगा।