पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्य के विकास के साथ-साथ नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इस दिशा में, सरकार ने अवैध खनन पर कार्रवाई तेज कर दी है, ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके और राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सके। हाल ही में, खनन और भूविज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल के नेतृत्व में अवैध खनन के खिलाफ एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो अमृतसर जिले में सक्रिय रूप से अभियान चला रही है।
अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
खनन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेशानुसार, हम किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” इस नीति का उद्देश्य पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना है, जो कि राज्य की समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
अजनाला में अवैध खनन का खुलासा
हाल ही में, खनन विभाग ने अजनाला के गांव ढिंगाई में एक अवैध खनन स्थल का पता लगाया। यहाँ पर अनधिकृत उत्खनन के सबूत मिले हैं। मंत्री गोयल ने बताया कि टास्क फोर्स को मौके पर एक पोक्लेन उत्खनन मशीन सहित अन्य कार्यशील मशीनरी मिली। उन्होंने कहा, “इस मशीनरी का तुरंत डॉक्युमेंटेशन किया गया और इसे जब्त कर लिया गया।”
संदिग्ध समझौते का खुलासा
इस छापेमारी के दौरान, हरप्रीत सिंह और जसबीर सिंह के बीच एक संदिग्ध समझौते का भी खुलासा हुआ, जिसमें मिट्टी की खुदाई की अनुमति दी गई थी। मंत्री गोयल ने कहा कि इस समझौते की वैधता की जांच चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “हम अपने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ हैं और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेंगे।”
कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कदम
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह खनन करने वालों और जमीन मालिकों के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज करें। इसके साथ ही अवैध खनन में शामिल सभी मशीनरी को जब्त कर पुलिस हिरासत में ले लिया जाएगा। इस प्रकार के सख्त कदम उठाकर पंजाब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य में अवैध खनन की गतिविधियां न हों।