
पंजाब में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों के लिए राज्य चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आयोग ने प्रदेश के सभी डिप्टी कमिश्नरों, जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) और रिटर्निंग ऑफिसरों को निर्देश दिया है कि मतदान प्रक्रिया से लेकर मतगणना तक की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए।
राजनीतिक विवादों के बीच आयोग का कदम
यह कदम उन विवादों के संदर्भ में उठाया गया है, जहां राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में नामांकन पत्र रद्द होने के मामलों को लेकर शिकायतें की थीं। आयोग का यह निर्णय सुनिश्चित करेगा कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के खिलाफ ठोस सबूत उपलब्ध हो।
राज्य चुनाव आयोग ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि सभी मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी की जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसरों की होगी। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह रिकॉर्ड एरिया के उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के अधीन सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय या संबंधित प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
वीडियोग्राफी की प्रक्रियाएं
आयोग ने बताया कि मतदान से मतगणना तक की हर गतिविधि की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। यह प्रक्रिया न केवल मतदान के दौरान की जाएगी, बल्कि मतगणना के समय भी पूरी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि सभी चरणों में उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए और कोई भी अनुचित गतिविधि न हो।
आयोग ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि मतदान केंद्रों पर कोई भी प्रत्याशी, राजनीतिक दल या अन्य व्यक्ति वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं कर सकता। हालांकि, यदि कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार चाहे, तो वे आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई वीडियोग्राफी की जानकारी ले सकते हैं।
स्वतंत्र वीडियोग्राफी का विकल्प
राज्य चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह अनुमति दी है कि वे पोलिंग बूथ से 100 मीटर की दूरी पर अपने खर्च पर मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कर सकते हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की धांधली का सामना किया जा सके।
गैरकानूनी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग
इसके अतिरिक्त, आयोग ने डिप्टी कमिश्नरों, DEO और रिटर्निंग ऑफिसरों को यह निर्देश दिया है कि यदि किसी भी व्यक्ति, प्रत्याशी या राजनीतिक दल द्वारा चुनाव में हुई किसी गैरकानूनी गतिविधि का सबूत पेश किया जाता है, तो उस वीडियो या फोटोग्राफ को रिकॉर्ड में सुरक्षित रखा जाए। यह निर्देश चुनाव के दौरान कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि किसी भी विवाद या जांच के दौरान इन सबूतों का उपयोग किया जा सके।