
पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर बढ़ते तनाव के बीच शुक्रवार को पंजाब भवन में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जो दो घंटे चली। इस बैठक में राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और पानी के मुद्दे पर पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विचार साझा किए।
बैठक में पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़, अकाली दल की ओर से दलजीत चीमा, कांग्रेस की ओर से तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और राणा केपी जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस चर्चा का फोकस भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के उस निर्णय पर रहा, जिसमें हरियाणा को अतिरिक्त पानी दिए जाने की बात सामने आई है।
बैठक में क्या हुआ?
बैठक के बाद मुख्यमंत्री मान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “हमारे जल संसाधनों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर सभी दलों में एकता दिखी। यह सिर्फ पंजाब का नहीं, आने वाली पीढ़ियों का मुद्दा है।”
उन्होंने कहा कि बैठक में BBMB के हालिया निर्णय, अधिकारियों की तैनाती, और चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब की हिस्सेदारी जैसे संवेदनशील बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन विषयों को लेकर पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्ताव लाए जाएंगे।
कांग्रेस नेता तृप्त बाजवा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस विषय पर सभी दलों के नेताओं का एक ऑल पार्टी डेलिगेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और पंजाब के जल अधिकारों को स्पष्ट रूप से रखा जाए। इस सुझाव पर बैठक में सहमति बनी।
‘BBMB का फैसला रातों-रात, पंजाब को बायपास किया गया’
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि BBMB को “डिक्टेट” किया गया, और बिना किसी पूर्व चर्चा के हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी देने का फैसला किया गया, जो पंजाब के हितों के खिलाफ है। मान ने कहा: “यह निर्णय रातों-रात लिया गया और पंजाब को पूरी तरह बायपास किया गया। केंद्र सरकार और BBMB दोनों तानाशाही रवैया अपना रहे हैं।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “चाहे केंद्र हो या BBMB, कोई पंजाब का पानी लेकर दिखाए। पंजाब की 60% हिस्सेदारी के बावजूद हमारी अनुमति के बिना पानी स्थानांतरित करना अवैध और अन्यायपूर्ण है।”
विपक्ष का मिला समर्थन, लेकिन मतभेद भी उभरे
जहां अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा, “हम इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं,”
वहीं भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने सरकार पर राजनीतिक नाटक करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा: “पंजाब सरकार राई का पहाड़ बना रही है। यह मुद्दा आपसी बातचीत से आसानी से सुलझाया जा सकता था। सितंबर से मई तक सूखे की स्थिति रहती है, ऐसे में किसी राज्य को अधिक पानी देना सामान्य है, जिसके लिए उचित मुआवजा भी तय होता है।” जाखड़ ने यह भी कहा कि हालांकि वह पंजाब के हक के साथ खड़े हैं, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री से विवाद सुलझाने का आग्रह भी किया।
हरियाणा की प्रतिक्रिया: सैनी ने किया पलटवार
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर सीधा हमला करते हुए कहा कि भगवंत मान अब केजरीवाल के इशारों पर चल रहे हैं। सैनी ने कहा: “पंजाब गुरुओं की धरती है, जहां दुश्मनों को भी पानी पिलाया जाता है। हरियाणा तो भाई है। दिल्ली की हार के सदमे में अब केजरीवाल पंजाब में आग भड़का रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि, “सीएम मान को जनता के लिए काम करना चाहिए, न कि दूसरों की बातों में आकर प्रदेश में तनाव फैलाना चाहिए।”