पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर हुए ग्रेनेड बम हमले के तीन कुख्यात अपराधी पीलीभीत जिले के पूरनपुर इलाके में पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गए। उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने इन तीनों अपराधियों को घेरकर जवाबी कार्रवाई करते हुए ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में पुलिस ने आरोपियों के पास से दो एके-47 राइफल्स और दो ग्लॉक पिस्टल बरामद किए हैं।
यह मुठभेड़ सोमवार को हुई, जब यूपी और पंजाब पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इन अपराधियों की लोकेशन ट्रैक की और उन्हें पकड़ने के लिए एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया। यह मुठभेड़ गुरदासपुर में हुई पुलिस चौकी पर ग्रेनेड बम हमले के बाद की गई कार्रवाई का हिस्सा थी, जिसके बाद से पुलिस इन अपराधियों की तलाश में थी।
पुलिस चौकी पर ग्रेनेड बम हमला: घटना की शुरुआत
गुरदासपुर जिले के एक पुलिस चौकी पर 10 दिसंबर को ग्रेनेड बम से हमला किया गया था। इस हमले में किसी के हताहत होने की सूचना तो नहीं थी, लेकिन पुलिस चौकी पर भारी तबाही मचाई गई थी। इस हमले के बाद से पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिलकर इस मामले में शामिल अपराधियों की तलाश शुरू कर दी थी।
पुलिस ने अपनी जांच में यह पाया कि हमला करने वाले अपराधी पंजाब के गुरदासपुर जिले के निवासी थे और उनके खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज थे। पुलिस ने सूचना जुटाने के बाद इन अपराधियों के संभावित ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन वे लगातार भागते रहे। इसी दौरान, उन्हें पीलीभीत जिले के पूरनपुर इलाके में ट्रैक किया गया, जहां उनकी मुठभेड़ पुलिस से हुई।
यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम का ऑपरेशन
गुप्त सूचना के आधार पर पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम ने सोमवार को पूरनपुर क्षेत्र में अपराधियों को घेर लिया। जैसे ही अपराधियों को यह एहसास हुआ कि वे पुलिस की घेराबंदी में फंस चुके हैं, उन्होंने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ में तीनों अपराधियों को ढेर कर दिया।
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से दो एके-47 राइफल्स और दो ग्लॉक पिस्टल बरामद की हैं, जो इन अपराधियों के पास थे। ये हथियार उनके आतंकवादी गतिविधियों और अपराधों को अंजाम देने में इस्तेमाल किए जा रहे थे। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटनास्थल से अन्य सुराग भी जुटाए हैं, जो मामले की जांच में सहायक हो सकते हैं।
मारे गए अपराधियों की पहचान
पीलीभीत जिले के पूरनपुर इलाके में मुठभेड़ में मारे गए तीन अपराधियों की पहचान गुरदासपुर जिले के रहने वाले के रूप में हुई है। पुलिस ने इनकी पहचान के बारे में जानकारी दी, जिनके खिलाफ पहले से ही कई गंभीर अपराधों के मामले दर्ज थे। मारे गए अपराधियों की पहचान इस प्रकार है:
- गुरविंदर सिंह (उम्र 25 वर्ष) – निवासी मोहल्ला कलानौर, थाना कलानौर, जिला गुरदासपुर, पंजाब।
- वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि (उम्र 23 वर्ष) – निवासी ग्राम अगवान, थाना कलानौर, जिला गुरदासपुर, पंजाब।
- जसन प्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (उम्र 18 वर्ष) – निवासी ग्राम निक्का सूर, थाना कलानौर, जिला गुरदासपुर, पंजाब।
इन अपराधियों का नाम पहले भी पंजाब में कई आपराधिक घटनाओं में सामने आ चुका था। इनकी गतिविधियों ने पुलिस को लंबे समय से परेशान कर रखा था, और वे किसी न किसी रूप में आतंक फैलाने का काम कर रहे थे।
अपराधियों की गिरफ्तारी से सुरक्षा में वृद्धि
पुलिस के मुताबिक, इन अपराधियों का पकड़ा जाना पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि यह अपराधी केवल गुरदासपुर में ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में भी कई गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं। पुलिस के अनुसार, इन अपराधियों ने अपनी आपराधिक गतिविधियों के दौरान कई डकैती, हत्या, और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया था।
गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड बम हमले के बाद से इस गिरोह के खिलाफ चल रही जांच अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इन अपराधियों का मारा जाना, क्षेत्रीय सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे न केवल इस गिरोह का सफाया हुआ है, बल्कि इससे अन्य अपराधियों में भी पुलिस के खिलाफ डर का माहौल पैदा होगा।
संयुक्त ऑपरेशन की सफलता
यूपी और पंजाब पुलिस के बीच का यह संयुक्त ऑपरेशन अपराधियों के खिलाफ पुलिस की साझा रणनीति को और मजबूत करता है। दोनों राज्य पुलिस बलों के बीच तालमेल और सहयोग ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया। दोनों पुलिस बलों ने पहले ही इस गिरोह की गतिविधियों को ट्रैक करना शुरू कर दिया था, और संयुक्त प्रयासों ने आखिरकार इन अपराधियों को पकड़ने में सफलता दिलाई।
यह ऑपरेशन इस बात का उदाहरण है कि जब राज्य और केंद्र की पुलिस बल एक साथ काम करते हैं, तो अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यूपी और पंजाब पुलिस के बीच बेहतर समन्वय और साझा सूचना नेटवर्क से इस ऑपरेशन में सफलता मिली, और यह अपराधी अब सजा के बिना बच नहीं सकते।
आगे की कार्रवाई
पीलीभीत पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गए अपराधियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई के तहत मामले दर्ज किए हैं। मारे गए आरोपियों के पास से बरामद हथियारों और दस्तावेजों का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे पुलिस को और अधिक जानकारी मिल सकती है। इसके अलावा, यह जांच भी की जाएगी कि इन अपराधियों के साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे, ताकि अपराध के नेटवर्क का और विस्तार से खुलासा हो सके।
इसके साथ ही, इस मुठभेड़ को लेकर स्थानीय पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है और मामले की पूरी गहनता से जांच की जाएगी।