पंजाब कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी केएपी सिन्हा ने वीरवार को राज्य के 43वें मुख्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने यह नई जिम्मेदारी पंजाब सिविल सचिवालय में वरिष्ठ सिविल अधिकारियों की उपस्थिति में संभाली। इस अवसर पर सिन्हा को प्रमुख सचिव (कार्मिक), सामान्य प्रशासन और सतर्कता विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।
नए मुख्य सचिव का दृष्टिकोण
पदभार ग्रहण करने के बाद, सिन्हा ने कहा, “मुझे विभिन्न पदों और विभागों में सेवा करते हुए पंजाब राज्य और यहां के लोगों से अपार प्रेम और सम्मान मिला है। आज इस नए पद को संभालते हुए, मैं इस विश्वास को दोहराता हूँ कि अब यह मेरे लिए पंजाब की भलाई के लिए पूरी लगन और निष्ठा से सेवा करने का समय है, ताकि मैं इस प्यार का ऋण चुकता कर सकूं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देना है और नागरिकों को साफ-सुथरी एवं पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराना जारी रहेगा।
प्रशासनिक क्षमता और अनुभव
केएपी सिन्हा की प्रशासनिक यात्रा प्रभावशाली रही है। वह पहले विशेष मुख्य सचिव (विकास) और वित्त आयुक्त (राजस्व) के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने वित्त, कर, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, उच्च शिक्षा, पर्यावरण एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला है।
सिन्हा ने भारत सरकार में भी महत्वपूर्ण मंत्रालयों जैसे विदेश मंत्रालय, उद्योग और वाणिज्य, और परमाणु ऊर्जा में सेवाएं दी हैं। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव उन्हें राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने में सहायक सिद्ध होंगे।
सहयोगी अधिकारियों का समर्थन
सिन्हा द्वारा पदभार संभालने के अवसर पर कई वरिष्ठ सिविल अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें विकास प्रताप, आलोक शेखर, और तेजवीर सिंह शामिल थे। आईएएस अधिकारियों के संघ के अध्यक्ष तेजवीर सिंह सहित सभी अधिकारियों ने नए मुख्य सचिव के साथ विभिन्न विभागों में काम करने और फील्ड पोस्टिंग के दौरान मिले अनुभवों को साझा किया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे राज्यवासियों की बेहतरी के लिए टीम के रूप में काम करेंगे।