पंजाब सरकार ने विदेश में रहने वाली राज्य की बेटियों की सुरक्षा को लेकर एक नई योजना पर काम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उन महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है जो स्टडी वीजा, वर्क परमिट या अन्य कारणों से विदेशों में बस चुकी हैं। इस योजना के तहत सरकार हर विदेश में रहने वाली पंजाबी महिला का डाटा कलेक्ट करेगी, ताकि समय-समय पर उनके हाल-चाल की जानकारी ली जा सके और जरूरत पड़ने पर मदद प्रदान की जा सके। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पंजाब की बेटियों को विदेशों में सुरक्षित रखना और यदि वह किसी समस्या का सामना करें तो सरकार उन्हें सहायता प्रदान कर सके।
योजना का उद्देश्य और महत्व
पंजाब सरकार की यह योजना उस समय और भी महत्वपूर्ण बन जाती है, जब हम पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई उदाहरण देखते हैं, जब पंजाब की बेटियां विदेशों में मुश्किलों का सामना कर रही थीं। इनमें सबसे प्रमुख घटना पिछले वर्ष की थी, जब पंजाब की 38 महिलाएं ओमान में फंस गई थीं, जिनकी तस्करी मानव तस्करों के जरिए की गई थी। इन महिलाओं को कड़ी मशक्कत के बाद भारत वापस लाया गया। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि विदेश में रहने वाली पंजाब की बेटियों की सुरक्षा की आवश्यकता कितनी बड़ी है। अब सरकार ने एक नया कदम उठाते हुए विदेशों में बस चुकी महिलाओं के लिए एक व्यापक सुरक्षा तंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। पंजाब पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से इस योजना को लागू किया जाएगा। इसके तहत विदेशों में रह रही पंजाबी महिलाओं का पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास होगा और अगर कभी कोई विपरीत स्थिति उत्पन्न होती है, तो सरकार इन महिलाओं को मदद प्रदान कर सकेगी।
हेल्प सेंटर और फीडबैक तंत्र
नई योजना के तहत, विदेशों में रह रही महिलाओं के लिए हेल्प सेंटर बनाए जाएंगे, जहां से वह किसी भी आपातकालीन स्थिति में सहायता प्राप्त कर सकेंगी। इन हेल्प सेंटर का उद्देश्य यह होगा कि विदेश में रहने वाली महिलाएं, जो अपने परिवार से संपर्क नहीं कर सकतीं, इन केंद्रों से मदद ले सकें। इसके अलावा पंजाब सरकार समय-समय पर इन महिलाओं से संपर्क कर उनके हाल-चाल पूछेगी और उनकी समस्याओं का फीडबैक लेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन महिलाओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत हो तो राज्य सरकार उनके लिए सक्रिय रूप से मदद प्रदान कर सके।
पंजाब सरकार की यह योजना विदेशों में रह रही बेटियों को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा देने के साथ-साथ उन्हें किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में सहायता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
कंट्रोल रूम और इंटरनेशनल हेल्पलाइन नंबर
इस नई नीति के तहत, पंजाब सरकार एक कंट्रोल रूम स्थापित करेगी, जो विदेशों में रह रही महिलाओं की सुरक्षा पर लगातार निगरानी रखेगा। यह कंट्रोल रूम न केवल समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि महिलाओं के संबंध में प्राप्त जानकारी का रिकॉर्ड भी रखेगा।
इसके साथ ही, एक इंटरनेशनल हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा, जो पंजाब सरकार के कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा। इस हेल्पलाइन नंबर पर विदेश में रहने वाली महिलाएं किसी भी प्रकार की मदद के लिए संपर्क कर सकेंगी। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य महिलाओं के लिए एक सुगम और सुरक्षित मार्ग प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी डर या संकोच के अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें।
इस हेल्पलाइन को विदेश में मौजूद इमिग्रेशन ऑफिसों और इंटरनेशनल एजेंट्स के साथ समन्वय बनाकर और सुदृढ़ किया जाएगा, ताकि यदि किसी महिला को किसी प्रकार की दिक्कत हो, तो वह तुरंत मदद प्राप्त कर सके।
विदेशों में फंसी महिलाओं को सुरक्षित भारत वापसी
पंजाब सरकार की यह योजना विदेशों में फंसी महिलाओं को उनके परिवारों तक सुरक्षित तरीके से वापस लाने की प्रक्रिया को भी सरल बनाएगी। जैसे कि पिछले साल ओमान में फंसी 38 महिलाओं को भारत वापस लाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। यह घटना बताती है कि अगर सरकार के पास महिलाओं का डाटा पहले से उपलब्ध होता, तो शायद यह समस्या पहले ही हल हो जाती।
अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी विदेशों में जाने वाली महिलाएं, चाहे वे स्टडी वीजा पर हों, वर्क परमिट पर हों या स्पाउस वीजा पर, उनकी सुरक्षा के लिए एक विशेष निगरानी तंत्र होगा। पंजाब सरकार द्वारा विदेश में काम करने वाले इमिग्रेशन एजेंट्स के साथ समन्वय से उनकी यात्रा और सुरक्षा की प्रक्रिया को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा।