
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पंजाब की सीमाओं पर सुरक्षा हालात बेहद संवेदनशील हो गए हैं। इस बीच, भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गुरदासपुर जिले में रोजाना रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक ब्लैकआउट लागू कर दिया गया है, जबकि अमृतसर जिले में देर रात रॉकेट गिरने की घटनाओं से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
भारत की इस सटीक सैन्य कार्रवाई के जवाब में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बौखलाया हुआ दिखाई दे रहा है, जिसके संकेत सीमा पर बढ़ती गतिविधियों और संभावित हमलों के रूप में देखे जा रहे हैं। गुरदासपुर और अमृतसर के हालात ने संकेत दिए हैं कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थिति असामान्य और तनावपूर्ण हो चुकी है।
गुरदासपुर में रात का अंधेरा: हर रात ब्लैकआउट के आदेश
गुरदासपुर प्रशासन ने सख्त सुरक्षा उपायों के तहत जिले में हर रात ब्लैकआउट का आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक जिला अंधेरे में डूबा रहेगा। यह निर्णय भारत सरकार और पंजाब सरकार के सुरक्षा निर्देशों के अनुसार और सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लिया गया है।
यह आदेश केवल केंद्रीय जेल और अस्पतालों पर लागू नहीं होगा, हालांकि इन संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी खिड़कियां ढकी रहें और रोशनी बाहर न निकल पाए।
अधिकारियों के अनुसार, यह कदम संवेदनशील सीमा सुरक्षा और संभावित रात्रि हमलों से बचाव के मद्देनजर उठाया गया है। गुरदासपुर, जो पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ जिला है, पहले भी कई बार आतंकी गतिविधियों का गवाह बन चुका है।
अमृतसर में रॉकेट गिरने से फैली दहशत
पंजाब में सुरक्षा चिंता उस समय और भी बढ़ गई जब बुधवार देर रात करीब 1:15 बजे, अमृतसर जिले के जेठवाल, दुधला, माखनविंदी और पंधेर गांवों में रॉकेट गिरने की घटनाएं सामने आईं। जिला पुलिस प्रमुख एसएसपी देहाती मनिंदर सिंह ने इन धमाकों की पुष्टि की है।
गांववालों के अनुसार, उन्होंने रात में लगातार चार धमाकों की तेज आवाजें सुनी और रॉकेट जैसे उपकरणों को आसमान से खेतों में गिरते देखा। भारतीय वायु सेना द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया में इन रॉकेटों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया, जिसके बाद उनके टुकड़े विभिन्न गांवों में गिरे।
विस्फोटक वस्तुओं के अवशेष बरामद किए जा चुके हैं और बम डिस्पोजल यूनिट और रक्षा विशेषज्ञों द्वारा उनका परीक्षण किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि ये रॉकेट पाकिस्तान की ओर से लॉन्च किए गए हो सकते हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर की प्रतिक्रिया में एक साइकोलॉजिकल वॉरफेयर रणनीति हो सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर की गूंज और पाकिस्तान की बौखलाहट
पहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत द्वारा जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए थे। इस ऑपरेशन में करीब 100 से अधिक आतंकी मारे गए और जैश-ए-मोहम्मद के टॉप आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को भी ढेर कर दिया गया।
इस हमले के बाद से पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ चुका है और LOC पर सीजफायर उल्लंघन और आंतरिक सीमा क्षेत्रों में धमकियों के जरिए तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
स्थानीय लोगों में भय और सतर्कता
गुरदासपुर और अमृतसर में रहने वाले नागरिकों के बीच आशंका और सतर्कता का माहौल है। गुरदासपुर के निवासी सुखविंदर सिंह ने बताया, “हमने पहले भी ब्लैकआउट देखे हैं, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। हर रात लाइटें बंद कर दी जाती हैं, बच्चे डरते हैं और खेतों में गश्त बढ़ा दी गई है।” अमृतसर के ग्रामीण इलाकों में भी गांवों में रात के गश्ती दल सक्रिय कर दिए गए हैं और लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
राज्य और केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर
पंजाब सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता कर दिया है। BSF, पंजाब पुलिस, और स्पेशल टास्क फोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। गृह मंत्रालय की ओर से ड्रोन निगरानी, रडार ट्रैकिंग और सीमा चौकियों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी हुए हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर अधिक संसाधन और सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है। उन्होंने कहा, “पंजाब देश की पहली सुरक्षा दीवार है। हमें सीमावर्ती क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाने होंगे।”
ब्लैकआउट का इतिहास और रणनीतिक महत्व
ब्लैकआउट रणनीति भारत ने अतीत में भी युद्ध या आपातकाल के समय अपनाई है। इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन की हवाई निगरानी और सटीक हमलों को रोकना होता है। बिना रोशनी के इलाके में हवाई हमले करना दुश्मन के लिए कठिन हो जाता है।
सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत जिलाधिकारी को यह अधिकार है कि वह सुरक्षा के मद्देनजर नागरिक गतिविधियों पर नियंत्रण लगा सके, और यही कारण है कि गुरदासपुर में ब्लैकआउट को कानूनी वैधता मिली है।
आगे की रणनीति और सुरक्षा के नए प्रोटोकॉल
सरकार अब सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम, नाईट विजन उपकरण, और बंकरों की तैयारी जैसे उपायों पर ध्यान दे रही है। साथ ही, गांवों में सिविल डिफेंस वालंटियरों की नियुक्ति और आपातकालीन प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से कहा है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस चौकी या हेल्पलाइन नंबर पर दें।