
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव ने अब युद्ध जैसे हालात का रूप ले लिया है। सीमावर्ती राज्य पंजाब में सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासनिक अमले को पूरी तरह हाई अलर्ट पर रखा गया है। विशेषकर लुधियाना में, जहां जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं, और आदेश दिया है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपनी ड्यूटी लोकेशन न छोड़े।
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने शुक्रवार को एक आपात बैठक के बाद विस्तृत आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि प्रदेश में “इमरजेंसी जैसे हालात” हैं। इसलिए किसी भी कर्मचारी को छुट्टी की इजाजत नहीं दी जाएगी, और पहले से मंजूर सभी छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द मानी जाएंगी।
पंजाब का सरहदी इलाका अलर्ट पर
भारत-पाक तनाव का सबसे अधिक असर पंजाब पर देखा जा रहा है क्योंकि राज्य का एक बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हुआ है। अमृतसर, फिरोजपुर, पठानकोट और गुरदासपुर जैसे जिलों के साथ-साथ लुधियाना जैसे प्रमुख औद्योगिक और प्रशासनिक केंद्र भी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में अलर्ट घोषित कर दिया है।
डिप्टी कमिश्नर का निर्देश: “छुट्टियों पर तत्काल रोक”
लुधियाना जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिया है कि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी बिना अनुमति के स्टेशन नहीं छोड़ेगा। डिप्टी कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि शनिवार और रविवार को भी सभी सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे, और सभी कार्य दफ्तरों से ही संचालित किए जाएंगे।
डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने कहा: “हम ऐसे हालातों से गुजर रहे हैं जहां हर क्षण महत्वपूर्ण है। यह समय पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करने का है। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी ड्यूटी से नदारद नहीं रहेगा, और सभी को अपने-अपने विभाग में हाजिर रहना अनिवार्य है।”
IAS अधिकारियों की छुट्टियां भी रद्द
पंजाब सरकार ने सभी IAS अधिकारियों की छुट्टियां भी अगले आदेश तक रद्द कर दी हैं। राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी अधिकारी अवकाश पर नहीं जाएगा और अपनी तैनाती वाली जगह पर ही उपस्थित रहेगा। यह फैसला राज्य में प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
राज्य सचिवालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है: “देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए पंजाब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि प्रशासनिक अमले की पूर्ण मौजूदगी राज्यभर में सुनिश्चित की जाए। यह निर्णय नागरिकों की सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए अत्यावश्यक है।”
सरकारी मशीनरी पूर्ण सतर्कता में
पंजाब में पहले से ही सुरक्षा एजेंसियां सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा चुकी हैं। बीएसएफ (BSF), पंजाब पुलिस, और स्थानीय प्रशासन मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी कर रहे हैं। लुधियाना जैसे औद्योगिक केंद्र में भी प्रशासन द्वारा सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जा रही है ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में तुरंत कदम उठाया जा सके।
लुधियाना के सभी थानों और सुरक्षा चौकियों को सतर्क किया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ मेडिकल, बिजली, जल आपूर्ति, परिवहन, और आपात सेवाओं के अधिकारियों को भी चौबीसों घंटे तैनात रहने को कहा गया है।
सार्वजनिक सेवाओं पर भी रखी जा रही है नजर
जिला प्रशासन की ओर से यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी विभाग अपनी आपात योजना (contingency plan) तैयार रखें। किसी भी आपदा या स्थिति बिगड़ने की दशा में प्रशासनिक व्यवस्था और जनसंपर्क प्रणाली को तुरंत क्रियान्वित किया जा सके।
डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में एक वॉर रूम की स्थापना की गई है, जहां से 24 घंटे निगरानी की जाएगी। वहां नियुक्त अधिकारी सभी विभागों से अपडेट लेंगे और केंद्र व राज्य स्तर की सूचनाओं को समन्वित करेंगे।
जनता से की गई संयम बरतने की अपील
प्रशासन ने राज्य के नागरिकों से संयम और सहयोग बनाए रखने की अपील की है। सोशल मीडिया या अन्य स्रोतों से फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न देने की चेतावनी दी गई है। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या प्रशासन को देने की अपील की गई है।
लुधियाना प्रशासन ने विशेष नंबर और हेल्पलाइन भी जारी किए हैं जिनके जरिए नागरिक आपातकालीन सूचनाएं साझा कर सकते हैं।
व्यवसायिक गतिविधियों पर भी नजर
लुधियाना, जो कि पंजाब का औद्योगिक हब है, वहां के व्यापारिक संगठनों को भी प्रशासन ने सतर्क किया है। जरूरी उद्योगों को संचालन के लिए विशेष अनुमति दी गई है, लेकिन उन्हें सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
कई फैक्ट्रियों और संस्थानों ने अपने कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार शिफ्टों में बुलाना शुरू कर दिया है, ताकि किसी भी अचानक उत्पन्न स्थिति में संचालन बाधित न हो।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और राज्य स्तर की समीक्षा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी राज्य के सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की है, जिसमें उन्होंने सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिया है कि राज्य के किसी भी हिस्से में पैनिक क्रिएट न हो और सरकार की सभी तैयारियां जनता के सामने पारदर्शी रूप से रखी जाएं।
उन्होंने कहा, “पंजाब का इतिहास बहादुरी का है, लेकिन साथ ही जिम्मेदारी का भी। हम अपने नागरिकों की सुरक्षा और सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”