
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित युद्ध स्मारक पहुंचकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का आयोजन पंजाब सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ डिफेंस सर्विसेज वेलफेयर द्वारा किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने न केवल कारगिल युद्ध के शहीदों को पुष्प अर्पित कर नमन किया, बल्कि युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों से भेंट कर उन्हें सम्मानित भी किया।
श्रद्धांजलि और सम्मान का अनूठा संगम
कार्यक्रम की शुरुआत युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुई, जहां मुख्यमंत्री मान ने शहीदों के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर पंजाब के डिफेंस सर्विसेज वेलफेयर विभाग के डायरेक्टर ब्रिगेडियर भूपेंद्र सिंह ढिल्लों भी मौजूद रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री को कारगिल युद्ध के वीरों और उनकी बहादुरी से जुड़ी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “देश उन शहीदों का ऋणी है जिन्होंने अपनी जान की बाज़ी लगाकर हमारी सरहदों की रक्षा की। उनका बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।” उन्होंने युद्ध में शामिल रहे जवानों को ‘भारत माता के असली सपूत’ बताते हुए कहा कि इनका सम्मान करना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक कर्तव्य है।
पूर्व सैनिकों को मिला सम्मान
इस अवसर पर कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके कई पूर्व सैनिक और सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से इन वीर जवानों से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और उन्हें प्रशंसा पत्र तथा मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। यह दृश्य न केवल भावुक करने वाला था, बल्कि हर किसी के भीतर राष्ट्र के लिए गर्व और सम्मान की भावना को जागृत कर रहा था।
मुख्यमंत्री मान ने पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.पी. मलिक और शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता गिरधारी लाल बत्रा से भी भेंट की और उन्हें सम्मानपूर्वक प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि विक्रम बत्रा जैसे जवानों का नाम भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है।
भावनाओं का संकलन: रजिस्टर में दर्ज की संवेदनाएं
मुख्यमंत्री ने युद्ध स्मारक पर मौजूद रजिस्टर में भी शहीदों के प्रति अपनी भावनाएं और सम्मान व्यक्त करते हुए एक संदेश लिखा। उन्होंने लिखा कि पंजाब के लिए यह गर्व की बात है कि इस मिट्टी ने ऐसे वीर सपूत देश को दिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की अखंडता को अक्षुण्ण रखा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “आज मैं खुद को गर्व से भरपूर और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुझे इन वीरों से मिलने का अवसर मिला। इनकी आंखों में देश के लिए जो जुनून है, वह अद्वितीय है।”
राष्ट्रभक्ति से भरा माहौल
इस आयोजन को और भी खास बनाया पंजाब पुलिस के बैंड ने, जिसने देशभक्ति के तरानों से समूचे वातावरण को राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत कर दिया। “सारे जहाँ से अच्छा”, “वंदे मातरम्” और “जन गण मन” जैसे गीतों की धुनों पर उपस्थित जनसमूह ने एकजुट होकर शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
स्मारक परिसर में मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर गर्व और भावुकता का मिश्रण देखने को मिला। युवा छात्र, सैनिक परिवार, सरकारी अधिकारी और आम नागरिक — सभी एक साथ देश के वीरों को नमन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री का राष्ट्रवादी संदेश
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार हर उस परिवार के साथ खड़ी है जिसने अपने बेटे या बेटी को देश की रक्षा में खोया है। मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध को ‘अदम्य साहस और बलिदान’ की मिसाल बताते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियों को इस युद्ध के वीरों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा का मार्ग अपनाना चाहिए।
उन्होंने राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में कारगिल विजय दिवस के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया ताकि युवा पीढ़ी को देश की सेना और उसके बलिदान का महत्व समझ में आ सके।