
पंजाब के अमृतसर जिले में ज़हरीली शराब पीने से हुई मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मजीठा हलके के गांवों में जहरीली शराब ने अब तक 24 लोगों की जान ले ली है। गुरुवार सुबह हुई एक और मौत के साथ इस त्रासदी की भयावहता और गहराती जा रही है। मरने वाले सभी ग्रामीण लोग हैं, जिन्होंने कथित तौर पर गांव भंगवां से लाई गई शराब का सेवन किया था। इसके चलते पंजाब में एक बार फिर से अवैध शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है।
तीसरे दिन भी मौत का तांडव
गुरुवार सुबह मजीठा क्षेत्र के गांव रोड़ी मजीठा में रहने वाले तरसेम मसीह (पुत्र सादिक मसीह) की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, तरसेम मसीह ने भी उसी शराब का सेवन किया था जो पहले दिन मौत का कारण बनी। जैसे ही इलाके में लोगों की मौत की खबरें फैलने लगीं, उसने खुद को घर में बंद कर लिया था। लेकिन जहरीली शराब के असर ने उसे भी नहीं बख्शा और अंततः तीसरे दिन उसकी भी जान चली गई।
तरसेम मसीह की मौत के बाद, वरिष्ठ अकाली नेता अवतार सिंह गिल और पूर्व सरपंच सोनू ने इस मामले की जानकारी मजीठा के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) डॉ. सतनाम सिंह को दी। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस को सूचित किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अमृतसर पोस्टमार्टम केंद्र भेज दिया गया।
तीन दिन में 24 मौतें: हर दिन नया आंकड़ा
-
मंगलवार: जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हुई।
-
बुधवार: दो और लोगों ने दम तोड़ा।
-
गुरुवार: एक और मौत हुई, जिससे कुल आंकड़ा 24 तक पहुंच गया।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अभी भी 5 से 6 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। सभी मरीज डॉक्टरों की निगरानी में हैं, लेकिन विषाक्तता का स्तर इतना अधिक है कि पूरी तरह से ठीक होने की उम्मीद फिलहाल अनिश्चित बनी हुई है।