पंजाब पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कनाडा स्थित गैंगस्टर अमृतपाल सिंह बाथ के प्रमुख सहयोगी जगदीप सिंह गिल, उर्फ़ थोलू को गिरफ्तार किया है। गिल की गिरफ्तारी पंजाब के जालंधर ग्रामीण क्षेत्र में हुई, और वह जनवरी 2024 में पट्टी से आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सनी चीमा की हत्या के सिलसिले में वांछित था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिल को गिरफ्तार किया, जो पिछले कई महीनों से फरार था और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी था।
जालंधर ग्रामीण पुलिस ने की गिल की गिरफ्तारी
जालंधर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) हरकमल प्रीत सिंह खख ने बताया कि गिल को एसबीएस नगर से फिल्लौर जाते समय गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि गिल के खिलाफ एक गुप्त सूचना प्राप्त होने के बाद, फिल्लौर पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस दल ने फिल्लौर के पास एक चेकपोस्ट पर आरोपी को रोका और उसे गिरफ्तार किया।
गिल 14 फरवरी 2024 से वांछित था, और उसके खिलाफ तरनतारन जिले के झाबल पुलिस स्टेशन में हत्या, आपराधिक साजिश और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था। पुलिस ने गिल के पास से एक .32 बोर की पिस्तौल और एक कार भी बरामद की है।
हत्या में गिल की भूमिका और फरारी की कहानी
एसएसपी खख ने कहा कि गिल ने सनी चीमा की हत्या में अहम भूमिका निभाई थी। आरोपी ने बताया कि वह गैंगस्टर अमृतपाल सिंह बाथ के सीधे निर्देश पर काम कर रहा था। बाथ, जो इस समय कनाडा में रह रहा है, ने गिल को हत्या को अंजाम देने के बाद भागने की योजना बनाई थी।
गिल ने अपनी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया कि अपराध को अंजाम देने के बाद वह थाईलैंड, दुबई, और नेपाल होकर भागा था। इसके बाद वह कुछ समय के लिए उत्तर प्रदेश में भी रहा और अंततः अंबाला में अपने ससुराल वालों के घर में छिपा हुआ था, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
गिल के अवैध हथियार और भागने की योजना
पुलिस ने गिल के पास से एक .32 बोर की पिस्तौल बरामद की है, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ फिल्लौर पुलिस स्टेशन में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। गिल ने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि हत्या के बाद वह अमृतपाल सिंह बाथ द्वारा निर्देशित योजना के तहत भाग रहा था।
गिल ने यह स्वीकार किया कि उसने दो शूटरों को सनी चीमा की हत्या के स्थान पर भेजने में मदद की थी। उसके निर्देशों के तहत, दोनों शूटरों ने चीमा पर हमला किया और भागने के बाद गिल ने उनके लिए शरण लेने की व्यवस्था की थी। पुलिस अब इन शूटरों और अन्य अपराधियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जो इस हत्या में शामिल थे।
पुलिस की अगली प्राथमिकताएँ और जांच की दिशा
अब पुलिस का ध्यान मुख्य शूटरों और अपराध में शामिल अन्य लोगों की पहचान पर केंद्रित है। इसके अलावा, पुलिस गिल के फरार होने में मदद करने वाले नेटवर्क की भी जांच कर रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि अपराध के बाद गिल को किसने मदद दी और पैसे के लेन-देन की जानकारी प्राप्त की जा सके।
पुलिस ने गिल को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है, जिससे आगे की जांच और गिरफ्तारियां की जा सकें। SSP खख ने कहा कि पुलिस सभी साक्ष्यों और जानकारी को ध्यान में रखते हुए मामले की पूरी जांच करेगी और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
सनी चीमा की हत्या का मामला और गैंगस्टर नेटवर्क
यह हत्या एक संगठित गैंगवार का हिस्सा प्रतीत होती है, जो पंजाब में सक्रिय विभिन्न गैंग्स के बीच विवादों का परिणाम हो सकती है। सनी चीमा की हत्या, जो कि एक प्रमुख राजनीतिक नेता थे, ने राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। पुलिस ने अब तक इस मामले में कुछ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन गैंगवार और राजनेताओं की हत्या में गैंगस्टरों की बढ़ती सक्रियता राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
गिल की गिरफ्तारी से पुलिस को इस पूरे मामले की गहरी जांच करने का मौका मिला है, जिससे पंजाब में गैंगस्टरों के नेटवर्क और उनके ऑपरेशंस की जड़ तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।
राज्य में बढ़ती अपराध की घटनाएँ
पंजाब में हाल के वर्षों में अपराध की घटनाओं में इजाफा देखा गया है, खासकर गैंगवार और संगठित अपराधों की बढ़ती संख्या ने राज्य सरकार और पुलिस के लिए कई नई चुनौतियाँ पैदा कर दी हैं। इस तरह के अपराधों के पीछे अक्सर विदेशों में बैठे गैंगस्टर होते हैं, जो अपनी गैंग्स को स्थानीय स्तर पर हिंसक गतिविधियाँ करने के लिए उकसाते हैं।
इस प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए पंजाब पुलिस को संगठित अपराध और हथियारों की तस्करी पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है। पुलिस द्वारा गिल की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई यह संकेत देती है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।