नया साल 2025 कुछ ही घंटे दूर है और इस मौके पर पंजाब पुलिस ने अपने खुफिया और सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने के लिए एक रोडमैप तैयार कर लिया है। 2025 में पंजाब पुलिस की ताकत को बढ़ाने के लिए 10,000 नए पुलिस कर्मियों की भर्ती की जाएगी। यह भर्ती कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पदों पर की जाएगी, जिसमें कांस्टेबल स्तर के अधिकारियों की सबसे अधिक भर्ती होगी। इस कदम से पुलिस की स्टाफ कमी को दूर करने और राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
पंजाब पुलिस में 10,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती
नए साल के आगमन के साथ, पंजाब पुलिस की भर्ती प्रक्रिया को लेकर बड़ी घोषणा की गई है। पंजाब पुलिस के आईजीपी हेडक्वार्टर, सुखचैन सिंह गिल ने पुष्टि की कि पंजाब सरकार को भर्ती की फाइल भेज दी गई है। जैसे ही राज्य सरकार इसे मंजूरी देगी, भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह भर्ती विशेष रूप से जिला स्तर पर की जाएगी, ताकि प्रत्येक पुलिस थाने में स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके।
सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पिछले साल 3,600 कांस्टेबलों की भर्ती की गई थी, जिनमें से आधे (1,800) कांस्टेबल अब सेवा में शामिल हो चुके हैं। बाकी 1,800 कांस्टेबल जल्द ही ज्वाइन करेंगे। इस बार भी, पंजाब पुलिस में कांस्टेबलों की अधिक संख्या में भर्ती होगी, क्योंकि इनका काम राज्य में अपराध नियंत्रण, गश्त और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में बहुत अहम होता है। इस भर्ती से न केवल पुलिस थानों में स्टाफ की कमी पूरी होगी, बल्कि पुलिस बल की कार्यक्षमता और ऑपरेशनल क्षमता में भी सुधार होगा।
हाई रिस्क कैदियों को शिफ्ट किया गया
पंजाब पुलिस ने 2025 के लिए अपनी सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत किया है। राज्य में चिन्हित किए गए 456 हाई रिस्क कैदियों की निगरानी और उनके नेटवर्क को तोड़ने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। इसके तहत इन हाई रिस्क कैदियों को बठिंडा स्थित हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
इसके अलावा, पंजाब में 210 ड्रग पैडलरों का भी नेटवर्क सक्रिय है, और इन पर कार्रवाई के लिए भी पुलिस ने ठोस कदम उठाए हैं। इन ड्रग पैडलरों के खिलाफ पुलिस की विशेष टीमों द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है, ताकि ड्रग तस्करी के नेटवर्क को खत्म किया जा सके।
पंजाब पुलिस ने इस प्रयास के तहत इन अपराधियों को पकड़ने और उनका नेटवर्क तोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है, जिससे राज्य में नशे के कारोबार और ड्रग्स के मामलों में और कमी आ सके।
थानों पर ग्रेनेड हमलों से सुरक्षा के लिए 25 करोड़ रुपये की मंजूरी
पंजाब पुलिस ने थानों पर बढ़ते हुए ग्रेनेड हमलों और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए एक अहम कदम उठाया है। पंजाब पुलिस के आईजीपी हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि थानों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इन पैसों का उपयोग थानों में अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए किया जाएगा।
सुरक्षा के लिहाज से यह एक अहम कदम है, क्योंकि हाल के महीनों में पंजाब के विभिन्न हिस्सों में पुलिस थानों पर ग्रेनेड हमले और अन्य आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। इन हमलों को रोकने के लिए यह पहल बहुत जरूरी थी। खासकर राज्य के बॉर्डर एरिया के थानों में इन सीसीटीवी कैमरों को स्थापित किया जाएगा, ताकि उन इलाकों में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
पठानकोट, बटाला और अमृतसर रूरल के थानों के आसपास विशेष तौर पर ये कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि सुरक्षा में कोई कमी न रहे। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में पुलिस की गश्त और निगरानी को भी बढ़ाया जाएगा।
पंजाब पुलिस का नया रोडमैप और आगामी योजनाएं
नए साल 2025 के लिए पंजाब पुलिस ने अपने सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया है। विशेष रूप से, ड्रग्स और आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, हाई रिस्क कैदियों की निगरानी, और थानों की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उठाए गए कदम राज्य में शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, पंजाब पुलिस का एक और लक्ष्य पुलिस कर्मियों की संख्या में वृद्धि कर राज्य की सुरक्षा स्थिति को और बेहतर बनाना है।
पुलिस बल में भर्ती से संबंधित इन बदलावों के साथ-साथ, पुलिस बल के अंदर और बाहरी सुरक्षा मामलों में बेहतर समन्वय स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग को और बढ़ाया जाएगा, ताकि राज्य में खतरों का सामना किया जा सके और अपराधों पर काबू पाया जा सके।
पुलिस कर्मियों के लिए नए प्रशिक्षण कार्यक्रम
पंजाब पुलिस में भर्ती होने वाले नए पुलिस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है। नए पुलिस कर्मियों को राज्य की विशेष सुरक्षा जरूरतों, आतंकवाद, ड्रग तस्करी और साइबर अपराध जैसे मुद्दों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, उन्हें राज्य के विभिन्न इलाकों में होने वाली सांप्रदायिक और जातीय हिंसा को नियंत्रित करने के लिए भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नए पुलिस कर्मियों को पूरी तरह से तैयार करने में मदद करेगा, ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना कर सकें और राज्य में शांति बनाए रखने में सफल हो सकें।