
अमेरिका से तीन विमानों में भारतीय यात्रियों के डिपोर्ट होकर अमृतसर पहुंचने के बाद पंजाब में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे को लेकर राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने इस मामले पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं और ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित कर दी है। उनके अनुसार, डिपोर्टेड यात्रियों में से अब तक कोई भी परिवार यह खुलासा नहीं कर सका है कि उनका ट्रैवल एजेंट कौन था, हालांकि पंजाब के विभिन्न जिलों में डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजे गए ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है।
पंजाब में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए यात्रियों में से अब तक किसी भी परिवार ने ट्रैवल एजेंट का नाम नहीं बताया है, जबकि राज्य के अलग-अलग जिलों में डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजे गए ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ प्रशासन सख्ती से कार्रवाई कर रहा है।” गौरव यादव के अनुसार, इस मामले में एसआईटी की स्थापना से जांच प्रक्रिया को तेज किया जाएगा और दोषी पाए गए ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जालंधर में 1500 ट्रैवल एजेंट, कुछ के लाइसेंस हुए रद्द
वहीं, जालंधर में ट्रैवल एजेंटों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जहां 1500 ट्रैवल एजेंटों के पास लाइसेंस हैं। एडीसी अमित महाजन ने इस पर बयान देते हुए कहा कि प्रशासन लगातार ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। जालंधर के ट्रैवल एजेंटों पर निगरानी रखी जा रही है और कुछ एजेंटों के लाइसेंस रद्द भी किए गए हैं। एडीसी अमित महाजन ने यह भी कहा कि अब तक डिपोर्ट होकर लौटे जालंधर के यात्रियों में से किसी भी ट्रैवल एजेंट के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
डीसी का बयान – कार्रवाई जारी रहेगी
जालंधर के डीसी ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि यदि ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ शिकायतें आती हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि रोजाना नए ट्रैवल एजेंटों को लाइसेंस जारी होते रहते हैं, जिनमें से कुछ के लाइसेंस रद्द भी किए जा रहे हैं। सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम का गठन किया है, जिसमें पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है और ट्रैवल एजेंटों के दफ्तरों की जांच की जा रही है।
डंकी रूट एजेंटों पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
राज्य में डंकी रूट के जरिए विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों पर प्रशासन की कड़ी नजर है। एडीसी अमित महाजन ने कहा, “लाइसेंसधारी ट्रैवल एजेंटों को लेकर प्रशासन ने कुछ विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब लोगों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखने से पहले सरकारी वेबसाइट पर लाइसेंसधारी ट्रैवल एजेंट के नाम की जानकारी प्राप्त करें।” उन्होंने बताया कि प्रशासन ने ट्रैवल एजेंटों की लिस्ट वेबसाइट पर भी जारी की है, जिससे लोग सही एजेंट का चयन कर सकें और धोखाधड़ी से बच सकें।
ट्रैवल एजेंटों के लाइसेंस की प्रक्रिया
ट्रैवल एजेंटों के लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पर भी प्रशासन का ध्यान केंद्रित है। एडीसीपी सुखविंदर सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले ट्रैवल एजेंट डीसी कार्यालय में लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं। इसके बाद, संबंधित पुलिस स्टेशन से जांच के लिए पत्र भेजा जाता है, और इस दौरान ट्रैवल एजेंट के दफ्तर और अन्य दस्तावेजों की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत जांच कर रहा है।
राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद पंजाब के राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस सरकार इसे विपक्षी दलों की राजनीतिक चाल बता रही है। इस मामले को लेकर विधानसभा में भी गर्मा-गर्मी देखने को मिल सकती है, जहां विपक्षी नेता राज्य सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांग सकते हैं।
ट्रैवल एजेंटों द्वारा किए गए कथित धोखाधड़ी के मामले
माना जा रहा है कि डंकी रूट के जरिए विदेश भेजने वाले कई ट्रैवल एजेंटों ने यात्रियों से बड़ी रकम लेकर उन्हें गलत तरीके से विदेश भेजा। इसके चलते कई लोग अमेरिका में असुरक्षित स्थिति में फंसे हुए थे और बाद में डिपोर्ट होकर वापस लौटे। यही कारण है कि पंजाब के प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका जा सके।