
पंजाब की राजनीति और कानून-व्यवस्था से जुड़ा एक अहम घटनाक्रम सामने आया है। खडूर साहिब से सांसद और ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी माने जाने वाले पपलप्रीत सिंह को अब पंजाब लाया जा रहा है। पंजाब सरकार ने पपलप्रीत पर से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) हटाने की तैयारी कर ली है, जिससे उसके पंजाब लौटने का रास्ता साफ हो गया है।
पंजाब पुलिस की एक टीम असम के डिब्रूगढ़ पहुंच चुकी है, जहां पपलप्रीत सिंह पिछले एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है। पंजाब की अजनाला पुलिस अब उसे ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब लाने की प्रक्रिया में जुट गई है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब अमृतपाल सिंह को भी पंजाब लाने की तैयारी चल रही है?
पृष्ठभूमि: क्यों लगाया गया था NSA?
पपलप्रीत सिंह को 10 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार किया गया था। वह उन 9 प्रमुख लोगों में शामिल थे जिन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की गई थी। इन सभी को अमृतपाल सिंह से जुड़ी गतिविधियों और विशेष रूप से अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले के सिलसिले में पकड़ा गया था। सुरक्षा कारणों से उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था, जहाँ ये सभी एक साल से अधिक समय तक बंद रहे।
NSA के तहत गिरफ्तारी का मुख्य उद्देश्य था कि इन व्यक्तियों की गतिविधियां राज्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी थीं। लेकिन अब पंजाब सरकार ने इनपर से NSA हटाने का संकेत दिया है, जिससे पूरे घटनाक्रम ने नया मोड़ ले लिया है।
पंजाब सरकार का रुख: क्यों बदला रुख?
पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने मार्च 2025 में बड़ा फैसला लिया था कि अब अमृतपाल सिंह के सहयोगियों पर तीसरी बार NSA लागू करने की मांग नहीं की जाएगी। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि सरकार अब मामले को कानूनी प्रक्रिया के जरिए ही सुलझाना चाहती है, न कि आपातकालीन प्रावधानों के तहत।
सूत्रों के अनुसार, सरकार के इस रुख में बदलाव की वजह है कि अब स्थिति पहले जैसी तनावपूर्ण नहीं है, और सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार इन व्यक्तियों से तत्काल कोई गंभीर खतरा नहीं है। इसके अलावा, मानवाधिकार संगठनों और सिविल सोसाइटी की ओर से NSA के बार-बार विस्तार पर सवाल उठाए जा रहे थे।
अमृतपाल सिंह की वापसी की अटकलें
पपलप्रीत सिंह को पंजाब लाए जाने की प्रक्रिया शुरू होते ही राजनीतिक गलियारों में यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या अब खुद अमृतपाल सिंह को भी पंजाब लाया जाएगा? अमृतपाल, जो कि पिछले दो वर्षों से डिब्रूगढ़ की जेल में बंद है, अब भी NSA के तहत ही कैद हैं। हालांकि सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर सहयोगियों को वापस लाया जा रहा है, तो अगला कदम अमृतपाल को पंजाब की जेल में स्थानांतरित करना हो सकता है।
एक और बड़ा सवाल यह है कि यदि अमृतपाल सिंह को लाया भी जाता है, तो क्या उसे पंजाब की जेल में रखा जाएगा या किसी अन्य राज्य में? यह निर्णय पूरी तरह से सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश और जमीनी हालात पर निर्भर करेगा।
मार्च में लौटे थे सात सहयोगी
मार्च 2025 में अमृतपाल सिंह के सात सहयोगियों को डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाया गया था। अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के मामले में इन सभी को अदालत में पेश किया गया था। कोर्ट में पेशी के बाद पंजाब पुलिस ने इन्हें फिर से गिरफ्तार किया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने यह स्पष्ट किया कि आगे से किसी पर भी NSA नहीं लगाया जाएगा।
उस घटना के बाद ही अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि सरकार अब अमृतपाल और उसके साथियों के मामलों को आम आपराधिक कानूनों के तहत निपटाना चाहती है।
पपलप्रीत सिंह की भूमिका और प्रभाव
पपलप्रीत सिंह को ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है। वह अमृतपाल सिंह का प्रमुख सलाहकार रहा है और सोशल मीडिया पर संगठन की छवि निर्माण में उसकी भूमिका अहम रही है। गिरफ्तारी से पहले वह संगठन के विभिन्न अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल था और पुलिस को काफी समय तक चकमा देता रहा।
NSA हटने के बाद अब पपलप्रीत के ऊपर सामान्य आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। उसकी पंजाब वापसी से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कोर्ट में नियमित सुनवाई के साथ-साथ मामले में गति आ सकती है।