
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को राज्य के युवाओं को एक अनमोल तोहफा दिया। उन्होंने बरनाला जिले के भदौड़ और महल कलां विधानसभा क्षेत्रों में 2.80 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए 8 अत्याधुनिक सार्वजनिक पुस्तकालयों का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना और उन्हें वैश्विक स्तर की जानकारी एवं अवसरों से जोड़ना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केवल इमारतें नहीं हैं, ये पुस्तकालय ज्ञान, आत्मनिर्भरता और उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं।”
गांव-गांव पहुंचेगा ज्ञान
उद्घाटन समारोह के दौरान सीएम भगवंत मान ने बताया कि जिन आठ गांवों में ये पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं, उनमें शहिणा, धौला, तलवंडी, मझूके, कुत्बा, दीवाना, वजीदके कलां और ठुलीवाल शामिल हैं। प्रत्येक पुस्तकालय पर लगभग 35 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। ये पुस्तकालय सिर्फ किताबों की अलमारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये पूरी तरह हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं। इनमें कंप्यूटर, इंटरनेट, वाई-फाई, सोलर पावर, डिजिटल-एनालॉग अध्ययन संसाधन और विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए साहित्य उपलब्ध है।
क्यों खास हैं ये पुस्तकालय?
मुख्यमंत्री ने बताया कि ये पुस्तकालय केवल शारीरिक ढांचे तक सीमित नहीं हैं। इनमें उपलब्ध संसाधन, तकनीक और साहित्यिक सामग्री इन्हें ग्रामीण भारत के लिए मॉडल पुस्तकालय बनाते हैं।डिजिटल सुविधाएं: हर पुस्तकालय में वाई-फाई की सुविधा, डिजिटल कैटलॉगिंग और इंटरनेट एक्सेस है। सोलर एनर्जी: ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में सभी भवनों में सोलर पैनल लगाए गए हैं। समकालीन साहित्य: सिलेबस की किताबों के अलावा इनमें वैश्विक साहित्य, करंट अफेयर्स, बायोग्राफी और प्रेरक ग्रंथ भी उपलब्ध हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी: IAS, PCS, UPSC, SSC, NDA, और बैंकिंग की तैयारी के लिए विशेष पुस्तकें रखी गई हैं। भगवंत मान ने कहा, “ये पुस्तकालय पंजाब के युवाओं को आईएएस, वैज्ञानिक, डॉक्टर, टेक्नोक्रेट और समाजसेवी बनने का मार्ग दिखाएंगे।”
पढ़ने की आदत को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल दौर में मोबाइल और सोशल मीडिया ने युवाओं को पढ़ाई से दूर कर दिया है। इन पुस्तकालयों के ज़रिए सरकार का प्रयास है कि युवा फिर से किताबों की ओर लौटें और अपने सपनों को दिशा दें। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि हर बच्चा, हर युवा पढ़े और तरक्की करे। ये पुस्तकालय उसी सोच का हिस्सा हैं। अब किसी को किताबों के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा। ज्ञान अब गांव-गांव पहुंचेगा।”
ग्रामीण विकास की नई राह
सीएम मान ने इस अवसर पर यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास केवल सड़कों और बिजली तक सीमित नहीं रहना चाहिए। बौद्धिक विकास, यानी युवाओं की सोच, दृष्टिकोण और जानकारी में सुधार, सच्चे विकास की पहचान है। उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि गांवों से भी अधिकारी, वैज्ञानिक और नीति-निर्माता निकलें। यही वजह है कि सरकार शिक्षा और ज्ञान तक समान पहुंच सुनिश्चित कर रही है।”
ज्ञान और साहित्य का खजाना
मुख्यमंत्री ने उद्घाटन के दौरान कहा कि ये पुस्तकालय केवल युवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पुस्तक प्रेमियों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए भी खजाना हैं। पुस्तकालयों में कुछ दुर्लभ और ऐतिहासिक पुस्तकें भी रखी गई हैं, जिन्हें विशेष संग्रह के रूप में संरक्षित किया गया है। उन्होंने कहा, “यह गर्व की बात है कि गांवों में अब ऐसे पुस्तकालय हैं जो विश्वविद्यालय स्तर की सुविधाएं दे सकते हैं।”
विद्यार्थियों के सपनों को मिलेगा आधार
भगवंत मान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधनों की जरूरत होती है। उन्होंने आशा जताई कि ये पुस्तकालय विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे और उन्हें आत्मविश्वास देंगे। “अब छात्र-छात्राएं अपने गांवों में रहकर भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। ये लाइब्रेरी उन्हें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर करेंगी,” मुख्यमंत्री ने जोड़ा।
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई और ज्ञान ही ऐसे साधन हैं, जो किसी को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इन पुस्तकालयों का सर्वोत्तम उपयोग करें, ताकि वे अपनी मेहनत से न सिर्फ अपनी, बल्कि पूरे समाज की तस्वीर बदल सकें। “हम चाहते हैं कि पंजाब के गांवों से ही हीरे निकलें, जो देश और दुनिया को रोशन करें,” उन्होंने भावुक होते हुए कहा।