
पंजाब सरकार ने ई-गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए शुक्रवार को ‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल लॉन्च किया। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य के नागरिक अब भूमि से जुड़ी पांच प्रमुख सेवाएं घर बैठे, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से प्राप्त कर सकेंगे। इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संयुक्त रूप से पोर्टल की शुरुआत की।
दोनों नेताओं ने कहा कि यह पोर्टल न सिर्फ प्रशासनिक सुधारों की दिशा में क्रांतिकारी पहल है, बल्कि आम जनता को पटवारी, तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने वाला एक मजबूत माध्यम भी है।
‘ईजी जमाबंदी’: पारदर्शिता की नई मिसाल
इस पोर्टल की मदद से नागरिक अब निम्नलिखित सेवाओं का लाभ ले सकेंगे:
- व्हाट्सएप पर जमाबंदी प्राप्त करना (भूमि रिकॉर्ड की प्रति)
- ऑनलाइन इंतकाल सेवा (मालिकाना हक का हस्तांतरण)
- रपट एंट्री (अदालती आदेश और ऋण प्रविष्टि)
- फर्द बदर (भूमि रिकॉर्ड में सुधार)
- ‘सब्सक्राइब करें’ सेवा (भूमि रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की निगरानी)
भगवंत मान ने कहा, “पंजाब में हर साल 40 लाख से अधिक लोग भूमि रिकॉर्ड की प्रति के लिए पटवारी या फर्द केंद्रों के चक्कर काटते हैं। अब उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। वे केवल पोर्टल या व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी जमाबंदी मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं।”
डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का पूर्ण उपयोग
‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल पर प्राप्त होने वाली हर प्रति पर डिजिटल हस्ताक्षर और क्यूआर कोड होंगे, जिससे उसकी सत्यता की पुष्टि की जा सकेगी। इससे न केवल दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता बनी रहेगी, बल्कि धोखाधड़ी की संभावना भी समाप्त होगी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हमने मोहाली से ‘ईजी रजिस्ट्री’ की शुरुआत की थी और वहां एक महीने में भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत नहीं आई। अब इसी सफलता को पूरे पंजाब में लागू किया जा रहा है। ‘ईजी जमाबंदी’ उसी श्रृंखला में अगला ऐतिहासिक कदम है।”
ऑनलाइन इंतकाल सेवा: 30 दिनों में मालिकाना हक का हस्तांतरण
प्रेस वार्ता में बताया गया कि हर साल करीब 8 लाख इंतकाल होते हैं, जिनमें से 6 लाख रजिस्ट्री के बाद और 2 लाख वंशानुगत संपत्तियों के होते हैं। पहले इन कार्यों में महीनों लग जाते थे और रिश्वत की शिकायतें आम थीं।
अब, रजिस्ट्री के 30 दिनों के भीतर स्वतः इंतकाल हो जाएगा। वंशानुगत मामलों में नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और उन्हें प्रत्येक चरण की जानकारी व्हाट्सएप पर प्राप्त होगी। इससे पटवारी या कार्यालयों में किसी भी प्रकार की बाधा समाप्त होगी।
रपट एंट्री और फर्द बदर सेवा: अदालत से सीधा रिकॉर्ड अपडेट
हर साल करीब 2 लाख रपट एंट्री (कोर्ट आदेश या ऋण प्रविष्टि) और 60,000 फर्द बदर (रिकॉर्ड सुधार) के आवेदन आते हैं।
‘ईजी जमाबंदी’ पोर्टल के माध्यम से अब ये दोनों सेवाएं भी डिजिटल रूप से की जाएंगी। अदालत के आदेश पर एक दिन में, जबकि ऋण संबंधी प्रविष्टियों पर सात दिनों के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
फर्द बदर के लिए नागरिक सिर्फ आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर एक ऑनलाइन फॉर्म भरेंगे और 15 दिनों की समयसीमा में उनका रिकॉर्ड अपडेट हो जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन शुल्क भुगतान और सत्यापन के साथ पूर्ण होगी।
भूमि रिकॉर्ड सब्सक्रिप्शन सेवा: एनआरआई के लिए वरदान
सीएम मान और केजरीवाल ने विशेष तौर पर “अपने भूमि रिकॉर्ड के लिए सब्सक्राइब करें” सेवा का जिक्र किया, जिसे एनआरआई समुदाय की सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक बताया गया।
पोर्टल के माध्यम से प्रति खेवट ₹500 वार्षिक शुल्क देकर कोई भी भूमि मालिक अपनी जमीन को सब्सक्राइब कर सकता है। यदि भविष्य में उसके रिकॉर्ड में कोई छेड़छाड़ की जाती है तो उसे व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से तत्काल अलर्ट प्राप्त होगा।
इसके साथ ही वह तुरंत ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करा सकेगा, जो संबंधित राजस्व अधिकारी तक स्वतः पहुंचेगी।
99% गांवों का रिकॉर्ड डिजिटल, बाकी दो महीनों में पूरे होंगे
सरकार ने बताया कि राज्य के 99% गांवों के भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है, और शेष गांवों का कार्य अगले दो महीनों में समाप्त कर दिया जाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि पंजाब पहला ऐसा राज्य बनेगा, जहां भूमि से संबंधित सभी सेवाएं पूरी तरह डिजिटल होंगी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष
केजरीवाल ने कहा, “हमने पंजाब के लोगों से भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा किया था। ‘ईजी जमाबंदी’ उस संकल्प का मजबूत प्रमाण है। अब कोई पटवारी रिश्वत नहीं मांग सकता, न ही कोई दलाल बिचौलिया बनेगा। यह पूरी प्रक्रिया अब पारदर्शी, रिकॉर्डेड और जवाबदेह होगी।”
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह पहल केवल तकनीकी नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और नैतिक प्रतिबद्धता है। “अब लोगों को झुकना नहीं पड़ेगा, सिस्टम उनके पास आएगा,” उन्होंने कहा।